तेजी से बढ़ रहे हैं पार्किनसन्स डिजीज के मामले, जोखिम कम करने के लिए आज से शुरू कर दें ये 4 काम
पार्किनसन्स डिजीज जिसे पहले एक दुर्लभ बीमारी माना जाता था, आज एक कॉमन बीमारी का रूप ले रही है। जी हां, पिछले कुछ सालों में इसके मामलों में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है और अंदेशा है कि यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। ऐसे में जरूरी है कि हम इससे बचाव (Parkinson's Disease Prevention) के लिए जरूरी कदम उठाएं।
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कैसे कम करें पार्किनसन्स डिजीज का जोखिम? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं अल्जाइमर के बाद पार्किनसन्स (Parkinson's Disease) दुनियाभर में दूसरा सबसे आम न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर बन गया है। इसके आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। पिछले 25 वर्षों में पार्किनसन्स से पीड़ित लोगों की संख्या दोगुनी होकर 85 लाख हो गई है और अनुमान है कि 2050 तक यह संख्या 25.2 मिलियन तक पहुंच सकती है।
हालांकि, इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन सही इलाज की मदद से मैनेज किया जा सकता है। लेकिन इस बीमारी को बढ़ने से रोका नहीं जा सकता है। ऐसे में, सबसे बेहतर इलाज है इसके जोखिम (Parkinson's Disease Prevention) को कम करना। आइए जानें किन तरीकों से पार्किनसन्स डिजीज के खतरे को कम किया जा सकता है।
(AI Generated Image)
एक्सरसाइज है सबसे बड़ा हथियार
नियमित एक्सरसाइज न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए, बल्कि दिमागी स्वास्थ्य के लिए भी बेहद जरूरी है। 2018 के एक स्टडी के अनुसार, मॉडिरेट से इंटेंस एक्सरसाइज पार्किनसन्स के जोखिम को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। एरोबिक एक्सरसाइज, ब्रिस्क वॉकिंग, दौड़ना, स्विमिंग, साइकिल चलाना आदि दिमाग में ब्लड फ्लो को बेहतर करती हैं और नर्वस सिस्टम के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मददगार होती हैं। रोजाना कम से कम 30-45 मिनट की एक्सरसाइज करना जरूरी है।
हेल्दी डाइट है जरूरी
खान-पान का सीधा कनेक्शन दिमाग के स्वास्थ्य से है। मेडिटीरेनियन डाइट, जिसमें ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, मछली, ऑलिव ऑयल और नट्स शामिल हैं, दिमाग के लिए बेहतरीन डाइट है। यह डाइट एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, जो दिमाग में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन को कम करने में मदद करता है।
चाय या कॉफी पिएं
कॉफी या चाय में मौजूद कैफीन एक नेचुरल न्यूरोप्रोटेक्टर के रूप में काम कर सकता है। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके दिमाग में सूजन को कम करने में मदद करता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि नियमित रूप से सीमित मात्रा में कॉफी पीने वाले लोगों में पार्किनसन्स का जोखिम कम देखा गया है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि ज्यादा मात्रा में कॉफी या चाय पी जाए, बल्कि संतुलित मात्रा में इसे पीना फायदेमंद होता है।
टॉक्सिन्स और केमिकल्स से बचाव
मॉडर्न लाइफस्टाइल में हम कई ऐसे केमिकल्स के कॉन्टेक्ट में आते हैं जो नर्वस सिस्टम के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।
- ड्राई क्लीनिंग से बचें- ड्राई क्लीनिंग में इस्तेमाल होने वाला केमिकल ट्राईक्लोरोइथाइलिन एक कार्सिनोजन है और यह नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है। कपड़ों की सफाई के लिए जहां तक संभव हो, ड्राईक्लीनिंग से बचें।
- कीटनाशकों से सावधानी- कुछ कीटनाशकों का सीधा संबंध पार्किनसन्स के बढ़ते जोखिम से पाया गया है। यह कोशिश करें कि ऑर्गेनिक तरीके से उगाई गई सब्जियां और फल खरीदें। अगर यह संभव न हो, तो फलों और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर ही इस्तेमाल में लाएं।
- पानी को फिल्टर करके पिएं- नल के पानी में कीटनाशकों और अन्य हानिकारक केमिकल के मिले होने का जोखिम रहता है। इनसे बचने के लिए एक अच्छे वॉटर फिल्टर का इस्तेमाल करना जरूरी है।
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