मेंटल हेल्थ से लेकर अस्थमा तक, इन 5 बीमारियों में असरदार है Meditation; जरूर बनाएं रूटीन का हिस्सा
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव एक आम समस्या है। इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। मेडिटेशन एक नेचुरल थेरेपी है जो तनाव को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती है। इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए। आइए जानते हैं विस्तार से-

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई तनाव से जूझ रहा है। तनाव के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। काम का बोझ, परिवार में कलह और पैसों की कमी के कारण लोग तनाव का शिकार होते जा रहे हैं। अच्छी लाइफ के लिए मन का शांत होना सबसे ज्यादा जरूरी है। तनाव, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और नींद की कमी के कारण लोग कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
इन सबसे बचने के लिए लोगों को एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। डॉ. निखिल नायर (Psychiatrist, शारदा हॉस्पिटल) ने बताया कि मेडिटेशन से भी आप कई बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं। मेडिटेशन एक नेचुरल थेरेपी है। इसमें न आपको किसी दवा की जरूरत होती है और न ही किसी साइड इफेक्ट का खतरा रहता है। उन्होंने जानकारी दी कि मेडिटेशन से किन बीमारियों में राहत पाया जा सकता है।
अल्जाइमर
आज के समय में लोग तनाव का शिकार होते जा रहे हैं। इसका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है। ऐसे में लाेग चीजों को भूलने लगते हैं। ये समस्या धीरे-धीरे अल्जाइमर का रूप ले लेती है। इसमें इंसानों को कुछ भी याद नहीं रहता है। इस खतरे को कम करना चाहते हैं तो अभी से मेडिटेशन को रूटीन का हिस्सा बना लें। इससे आपको जबरदस्त फायदा मिलेगा। आप रोजाना 10 मिनट मेडिटेशन करें।
कैंसर में मन का मजबूत होना जरूरी
अगर कोई कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है तो जितना उसे शरीरिक कष्ट का सामना करना पड़ता है, इन सबको फेस करने के लिए आपकी मानसिक स्थिति मजबूत होनी चाहिए। कई लोग इस बीमारी से इतना डर जाते हैं कि डिप्रेशन और तनाव में चले जाते हैं। ऐसे में अगर आप मेडिटेशन करेंगे तो आपकी मेंटल कंडीशन में सुधार होगा।
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अस्थमा और सांस से जुड़ी बीमारी
अगर आप अस्थमा या सांस से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे हैं तो भी आपकाे मेडिटेशन जरूर करना चाहिए। इस बीमारी में मरीज को बार-बार सांस फूलने की समस्या हो जाती है। कई बार तो बेचैनी या घबराहट भी होने लगती है। मेडिटेशन करने से शरीर में ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुंच पाती है। अगर आप इनहेलर का इस्तेमाल किए बिना नहीं रह पाते हैं तो आपको मेडिटेशन जरूर करना चाहिए।
मेंटल हेल्थ सुधारे
आज के समय में ज्यादातर लोग डिप्रेशन या एंग्जाइटी से जूझ रहे हैं। ऐसे में अगर आप रोजाना मेडिटेशन करते हैं तो डिप्रेशन और एंग्जाइटी के लक्षणों को कम कर सकते हैं। यह दिमाग में हैप्पी हार्मोन्स का बैलेंस बनाए रखता है।
दिल से जुड़ी बीमारी
खराब लाइफस्टाइल के कारण दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ रहा है। हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल से लेकर तनाव और डायबिटीज, सभी हार्ट डिजीज को बढ़ावा देते हैं। ऐसे में आप मेडिटेशन कर सकते हैं। ये शरीर को आराम देकर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। कोलेस्ट्रॉल को भी संतुलित रखता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
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