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    सर्दियों में क्यों फूल रही है सांस? डॉक्टर ने दी चेतावनी, जानें बचाव के उपाय

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 01:28 PM (IST)

    बरेली में सर्दियों के दौरान सांस फूलने की समस्या बढ़ रही है, जिसके प्रति डॉक्टरों ने चेतावनी जारी की है। ठंडी हवा और प्रदूषण के कारण सांस लेने में तकल ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, बरेली। ठंड और कोहरा पड़ने से कोल्ड अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। चिकित्सकों का कहना है कि यह फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें वायुमार्ग में सूजन और संकुचन हो जाता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। अक्सर देखा जाता है कि सर्दियों में अस्थमा की स्थिति और बिगड़ जाती है। ठंडी हवा, श्वसन संक्रमण, घर के अंदर की शुष्क हवा और बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं।

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    इसके चलते अस्थमा रोगियों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। विंटर अस्थमा एक आम समस्या है, और अस्थमा रोगियों को इस दौरान अपने लक्षणों को नियंत्रित करने और स्थिति बिगड़ने से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। जिला अस्पताल में वरिष्ठ परामर्शदाता डा. आर चंद्रा ने बताया किस समय 200 से 250 तक मरीजों की ओपीडी हो रही है।

    इसमें 40 प्रतिशत से ज्यादा मरीज अस्थमा या सांस रोग से पीड़ित आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि ठंडी हवा में सांस लेने से वायुमार्ग संकुचित हो सकते हैं, जिससे अस्थमा के लक्षण उभर सकते हैं। सर्दियों के दौरान ठंडा मौसम और भीड़भाड़ वाले बंद स्थान फ्लू जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ा सकते हैं, जिससे अस्थमा के लक्षण और भी खराब हो सकते हैं।

    इसके अलावा इस मौसम में उपयोग किए जाने वाले हीटिंग सिस्टम घरों के अंदर की हवा को शुष्क कर सकते हैं। इस वजह से भी अस्थमा की दिक्कत बढ़ सकती है। लकड़ी जलाने वाले चूल्हे, मोमबत्तियां और सफाई उत्पादों जैसे स्रोतों से होने वाला वायु प्रदूषण अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है।

    अस्थमा के कुछ सामान्य लक्षणों में घरघराहट, खांसी, सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। एलर्जी, श्वसन संक्रमण और शारीरिक गतिविधि जैसे विभिन्न कारकों से अस्थमा के लक्षण उभर सकते हैं। सर्दियों के दिन भी अलग-अलग तरीकों से अस्थमा को प्रभावित करते हैं।

    सोमवार को ओपीडी में लगी भीड़, सर्दी में कांपते दिखे बुजुर्ग

    इस समय सर्दी और जुकाम से पीड़ित मरीजों की काफी संख्या है। संडे की छुट्टी के बाद सोमवार को ओपीडी खुली तो पर्चा बनवाने के लिए काउंटर पर काफी मरीजों और तीमारदारों की काफी भीड़ दिखाई दी। शीतलहर के बीच लाइन में खड़े लोग खासकर बुजुर्ग सर्दी हवा चलने की वजह से कापंते हुए दिखाई दिए।

    कई बार लोगों में लाइन तोड़कर बीच में घुसने का भी प्रयास किया तो इसके लेकर कई बार लोगों में कहासुनी भी हुई। इसके अलावा सीएमओ कार्यालय के पास लगे दिव्यांग शिविर के दौरान भी दूर-दराज से आए लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी है। बता दें कि यहां हर सोमवार को दिव्यांग शिविर का आयोजन होता है। जहां चल-फिर पाने में अक्षम दिव्यांगों को दूर-दराज से यहां आना पड़ रहा है।

    सर्दी में अस्थमा को नियंत्रित करने के लिए कुछ सुझाव

    -गर्म और आर्द्र जलवायु बनाए रखने से शुष्क हवा के कारण होने वाले अस्थमा के लक्षणों को रोकने में मदद मिलती है।
    -बाहर निकलते समय अपने मुंह और नाक को स्कार्फ या मास्क से ढकने से फेफड़ों में प्रवेश करने से पहले हवा को गर्म करने में मदद मिल सकती है।
    -इन्फ्लूएंजा और अन्य श्वसन संक्रमण अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। फ्लू का टीका लगवाने से बीमारी से बचाव और अस्थमा के दौरे के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
    -नियमित व्यायाम से फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है और अस्थमा के लक्षण कम होते हैं।
    -गर्म और आर्द्र जलवायु बनाए रखने से शुष्क हवा के कारण होने वाले अस्थमा के लक्षणों को रोकने में मदद मिलती है।
    -बाहर निकलते समय अपने मुंह और नाक को स्कार्फ या मास्क से ढकने से फेफड़ों में प्रवेश करने से पहले हवा को गर्म करने में मदद मिल सकती है।
    -इन्फ्लूएंजा और अन्य श्वसन संक्रमण अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। फ्लू का टीका लगवाने से बीमारी से बचाव और अस्थमा के दौरे के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
    -नियमित व्यायाम से फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है और अस्थमा के लक्षण कम होते हैं।

     

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