'रोका नहीं तो होगा गंभीर संकट', LG मनोज सिन्हा ने TRF को बताया देश की एकता के लिए बड़ा संकट
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने टीआरएफ द्वारा इंटरनेट मीडिया पर फैलाए जा रहे दुष्प्रचार को रोकने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह जम्मू कश्मीर में शांति और राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा है। उन्होंने लोगों से विघटनकारी तत्वों के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया। सिन्हा ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नागरिकों को भी सहयोग देना होगा।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को इंटरनेट मीडिया पर द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरुरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर इसे रोका नहीं गया तो यह गंभीर संकट पैदा करेगा। यह जम्मू कश्मीर में शांति सद्भाव बहाली के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता अंखडता काे लिए भी खतरा बनेगा।
आज यहां टैगोर हाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए विघटनकारी, राष्ट्रविरोधी और सांप्रदायिक तत्वों के दुष्प्रचार के खिलाफ एकजुट हो, उन्हें विफल बनाने का आग्रह किया।
यह भी पढ़ें- खुशखबरी! जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों के लिए 5,061 घरों के निर्माण को मिली मंजूरी
उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय आतंकी व जिहादी तत्वों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह बहुत खतरनाक प्रवृत्ति है। इंटरनेट मीडिया के जरिए आप पलक झपकते ही पूरी दुनिया में अपनी बात फैला सकते हैं और आतंकी संगठन इसका पूरा दुरूपयोग कर रहे हैं।
आतंकी संगठन टीआरएफ भी यही कर रहा है। उसके ऑनलाइन मैसेजिंग के दुष्प्रचार का जमीन पर सीधा असर होता है। इसलिए उसे नजरंदाज करना खतरनाक होगा।
टीआरएफ सांप्रदायिक आधार पर कर रहा दुष्प्रचार
उन्होंने कहा कि अगर टीआरएफ इंटरनेट मीडिया पर लगातार सांप्रदायिक आधार पर दुष्प्रचार कर रहा है। धमकियां दे रहा है, राष्ट्रीय एकता, अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री का प्रचार प्रसार कर रहा है। हम यह सब देखते हुए चुप रहते हैं तो आने वाले समय में यह बहुत खतरनाक साबित होगा। हमें इस पर ध्यान देना होगा और इसे रोकना होगा।
यह भी पढ़ें- कश्मीर पुलिस ने किया नकली करंसी नोट नेटवर्क का पर्दाफाश, तीन लोग गिरफ्तार, दो छात्र भी शामिल
नागरिकों को भी इस लड़ाई में सहयोग देना होगा
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सिर्फ़ सुरक्षा बलों की ज़िम्मेदारी नहीं है। नागरिकों को भी आतंकवाद को समाप्त करने, जम्मू-कश्मीर में शांति व सुरक्षा का वातावरण बहाल करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। लोगों को आगे आना होगा। आतंकवाद पूरी मानवता के लिए खतरनाक है। जम्मू-कश्मीर में बदलावों पर प्रकाश डालते हुए उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि पत्थरबाजी अब "इतिहास" बन गई है। स्थानीय स्तर पर आतंकवादियों की भर्ती में भारी गिरावट आई है।
एकता-एकजुटता की भावना को विकसित करने पर दिया जोर
उन्होंने सभी नागरिकों में एकता-एकजुटता की भावना को विकसित करने पर जोर देते हुए कहा कि जब भी किसी परिवार में फूट होती है, तो दुश्मन उसका लाभ उठाते हैं। इसलिए हमें अपने घर को ठीक करने की कोशिश करनी चाहिए। हम सभी मिलकर एकजुट होकर रहना चाहिए। जम्मू-कश्मीर को लंबे समय तक आतंकवाद, अलगाववाद और यहां जो पुरानी व्यवस्था थी, के कारण नुकसान उठाना पड़ा है।
यह भी पढ़ें- लद्दाख हिंसा पर Ex MP नामग्याल ने LG कविन्द्र को लिखा पत्र; मांगी निष्पक्ष जांच, पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता
प्रदेश में आतंकवाद का अंत जरूरी
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का अंत ज़रूरी है। सुरक्षा एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और हम नागरिकों को ज़िम्मेदार व्यवहार करना चाहिए और किसी भी गलत काम में शामिल नहीं होना चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद हुए बदलाव जम्मू-कश्मीर की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। उन्होंने कहा कि पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देना और वन अधिकार अधिनियम का कार्यान्वयन जैसे कदम सरकार की न्याय और समावेशिता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
यह भी पढ़ें- LoC पर घुसपैठ की कोशिशें बढ़ सकती हैं, BSF IG Ashok Yadav ने दी चेतावनी, बोले- सीमा पार आतंकी लांचिंग पैड सक्रिय
पहाड़ी समुदाय को उसका हर अधिकार मिलेगा
अब पहाड़ी समुदाय को भी समान अधिकार दिए जा रहे हैं। कोई भी इस समुदाय को रोक नहीं सकता। पहाड़ी समुदाय का जो अधिकार है, वह उसे मिलेगा। उपराज्यपाल ने आगे कहा कि देश भर में, खासकर पूर्वोत्तर में, आतंकवाद और वामपंथी हिंसा में काफी कमी आई है और उन्होंने विश्वास जताया कि नक्सलवाद भी जल्द ही खत्म हो जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।