लेह शहर में कर्फ्यू में चार घंटे की ढील, शाम 4 बजे तक खुली रहेंगी दुकानें, जानिए क्या हैं लद्दाख के हालात?
लेह शहर में कर्फ्यू में ढील दी गई है जहाँ आज सुबह 10 बजे से चार घंटे के लिए दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है। यह ढील प्रदर्शनकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच झड़पों में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के बाद दी गई है। मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अभी भी निलंबित हैं और अन्य हिस्सों में निषेधाज्ञा आदेश लागू हैं।

डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। लेह शहर में कर्फ्यू में ढील देने का एलान किया गया है। आज मंगलवार सुबह 10 बजे से चार घंटे की ढील दी गई है। दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठान खोलने का निर्देश दे दिया गया है।
प्रदर्शनकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच हिंसक झड़पों में मारे गए चार लोगों के अंतिम संस्कार के बाद यह ढील सोमवार शाम 4 बजे से दो घंटे के लिए दी गई थी।
हालांकि लेह शहर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अभी भी निलंबित हैं और कारगिल सहित केंद्र शासित प्रदेश के अन्य प्रमुख हिस्सों में पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाने वाले निषेधाज्ञा आदेश अभी भी लागू हैं।
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लेह के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गुलाम मोहम्मद ने ढील के दौरान सभी किरायने का सामान, आवश्यक सेवाओं, हार्डवेयर और सब्जियों की दुकानें खोलने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने कहा है कि कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में ढील को और बढ़ाने का फैसला दिन चढ़ने के साथ-साथ मौजूदा हालातके आधार पर लिया जाएगा।
एलजी कविन्द्र हर रोज कर रहे सुरक्षा समीक्षा
अधिकारी ने कहा कि पिछले बुधवार को हुई हिंसा को छोड़कर, कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बल भारी संख्या में तैनात हैं और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी रख रहे हैं।"
उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता लगभग हर रोज़ उच्च-स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता कर रहे हैं। सोमवार को उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और इसे "विकास की आधारशिला" बताया।
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गुप्ता ने कहा कि मैं समाज के सभी वर्गों से एकता और सद्भाव बनाए रखने और असामाजिक व राष्ट्र-विरोधी तत्वों के षड्यंत्रों का शिकार न होने का आग्रह करता हूं। प्रशासन लोगों के साथ दृढ़ता से खड़ा है और उनकी सुरक्षा, सम्मान और प्रगति सुनिश्चित करेगा।
संयम बनाए रखने के लिए लोगों की सराहना की
उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उल्लेखनीय संयम और प्रतिबद्धता दिखाने के लिए लोगों की सराहना की और बातचीत और लोकतांत्रिक तरीकों से उनके हर जायज़ मुद्दे का समाधान करने का वादा किया।
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उपराज्यपाल ने प्रशासन और नागरिकों के बीच विश्वास को मज़बूत करने के लिए खुफ़िया जानकारी जुटाने, नियमित सामुदायिक सहभागिता और जन शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए स्पष्ट निर्देश भी जारी किए।
लेह सर्वोच्च निकाय (एलएबी) के एक घटक द्वारा लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की माँग पर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए आहूत बंद के दौरान हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद 24 सितंबर की शाम को लेह शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था।
दो पार्षद सहित 60 से अधिक लोग हिरासत में
इस घटना के बाद दो पार्षदों सहित 60 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी शामिल थे, जिन्हें 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था और बाद में राजस्थान की जोधपुर जेल में रखा गया था।
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इस बीच, लद्दाख भाजपा ने "जवाबदेही और न्याय" सुनिश्चित करने के लिए घटना की गहन जांच की मांग की है। भाजपा ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते प्रशासन से मामूली अपराधों के आरोपी व सभी निर्दोष लोगों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।
शांति बनाए रखने की अपील
पार्टी ने कहा कि लद्दाख अपनी सुंदरता और लोगों के लचीलेपन के लिए जाना जाता है। हम लद्दाख के सभी लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह करते हैं। यह ज़रूरी है कि हम कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में न लें या गलत सूचनाओं का शिकार न हों। आइए, हम सब मिलकर शांति सुनिश्चित करें।"
पार्टी ने सभी से एकजुट होकर एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने की अपील की। पार्टी ने कहा, "हम सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने और सुलह-समझौते के प्रयासों में सहयोग करने का अनुरोध करते हैं।"
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