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    सोनम वांगचुक क्यों हुए अरेस्ट, कैसे हुई हिंसा की शुरुआत? लद्दाख के DGP ने सबकुछ बताया

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 03:45 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में लद्दाख के पुलिस महानिदेशक एसडी जम्वाल ने 24 सितंबर को हुई हिंसा के लिए भड़काऊ भाषणों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने तथाकथित पर्यावरणविदों पर आरोप लगाते हुए कहा कि सोनम वांगचुक ने केंद्र सरकार के साथ चल रही बातचीत को पटरी से उतारने का प्रयास किया। पुलिस अधिकारी के अनुसार सरकारी इमारतों और राजनीतिक पार्टी कार्यालयों पर हमले हुए कई लोग घायल हुए कुछ की जान भी गई।

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    एसडी जम्वाल ने इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ भाषणों की वृद्धि की ओर भी ध्यान दिलाया।फोटो एएनआई।

    डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसडी सिंह जम्वाल ने कहा कि भड़काऊ भाषण "तथाकथित पर्यावरणविद्" द्वारा दिए गए थे, जिसके कारण 24 सितंबर को केंद्र शासित प्रदेश में हिंसा हुई।

    लेह में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पुलिस अधिकारी ने सोनम वांगचुक पर केंद्र के साथ बातचीत को पटरी से उतारने का आरोप लगाया और कहा कि पांच से छह हज़ार लोगों ने सरकारी इमारतों और राजनीतिक पार्टी के कार्यालयों पर हमला किया।

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    आत्मरक्षा के लिए की गई गोलीबारी

    एसडी जम्वाल ने कहा कि गोलीबारी आत्मरक्षा में की गई थी, क्योंकि हिल काउंसिल और सचिवालय कार्यालयों में कई सरकारी अधिकारियों की जान को गंभीर खतरा था। उन्होंने आरोप लगाया कि अनशन मंच का दुरुपयोग जनता को भड़काने के लिए किया गया और दावा किया कि सोनम वांगचुक एक अलग एजेंडा चला रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि कुल 70 नागरिक, 17 सीआरपीएफ जवान और 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि इस घटना के सिलसिले में 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

    बातचीत को विफल बनाने का था प्रयास

    उन्होंने कहा, "24 सितंबर को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। चार लोगों की जान चली गई। यह सब चल रही प्रक्रियाओं (केंद्र के साथ बातचीत) को विफल करने के प्रयास किया गया है।" डीजीपी जम्वाल ने कहा, "इसमें कुछ तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ता शामिल थे। उनकी विश्वसनीयता पर भी सवालिया निशान है। उन्होंने मंच को हाईजैक करने की कोशिश की और इसमें प्रमुख नाम सोनम वांगचुक का है, जिन्होंने पहले भी ऐसे बयान दिए हैं और प्रक्रिया को पटरी से उतारने का काम किया है।"

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    इंटरनेट मीडिया पर लगातार चल रहे थे भड़काऊ भाषण

    उन्होंने आगे कहा कि केंद्र के साथ बातचीत से पहले इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ भाषणों और वीडियो की संख्या में वृद्धि हुई थी। "6 अक्टूबर को उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक और 25-26 सितंबर को प्रारंभिक बैठकों की तारीखों की घोषणा की गई थी, लेकिन 10 सितंबर को शांति भंग करने के लिए ऐसे तत्वों ने भूख हड़ताल का सहारा लिया।

    बातचीत से पहले, भाषणों और वीडियो की संख्या में वृद्धि हुई, जो हमारा मानना ​​है कि कानून-व्यवस्था के लिए खतरनाक थे। हमने एफआईआर भी दर्ज कीं।" डीजीपी ने कहा कि सीआरपीएफ अधिकारियों के साथ मारपीट की गई और कम से कम तीन महिला पुलिस अधिकारी भी उस इमारत में फंसी हुई थीं जिसे जला दिया गया था।

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    5000-6000 लोगों ने सरकारी इमारतों पर हमला किया

    उन्होंने कहा, "आश्चर्यजनक रूप से 24 सितंबर को लोगों की बड़ी भीड़ इकट्ठा हो गई। वहां असामाजिक तत्व मौजूद थे। 5000-6000 लोगों ने सरकारी इमारतों और राजनीतिक दलों के कार्यालयों को नुकसान पहुंचाया और पथराव किया। उन इमारतों में मौजूद हमारे अधिकारियों पर भी हमला किया गया। एक राजनीतिक दल के कार्यालय को जला दिया गया। एक अधिकारी गंभीर रूप से घायल है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

    70-80 सुरक्षा अधिकारी, इतने ही नागरिक घायल हुए

    डीजीपी जम्वाल ने आगे बताया कि इतने बड़े हमले को रोकने के लिए गोलीबारी की गई जिसमें चार दुर्भाग्यपूर्ण मौतें हुईं। पहले दिन 32 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। बाद में हमें पता चला कि 70-80 सुरक्षाधिकारी और इतनी ही संख्या में नागरिक घायल हुए थे। उनमें से सात की हालत गंभीर थी और एक महिला को इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया।

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    विदेशी संलिप्तता की हो रही जांच

    घटना के पीछे किसी विदेशी संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने बताया कि जांच के दौरान दो और लोगों को पकड़ा गया। अगर वे किसी साज़िश का हिस्सा हैं, तो मैं नहीं कह सकता। इस जगह पर नेपाली लोगों के मज़दूरी करने का इतिहास रहा है, इसलिए हमें जांच करनी होगी।

    "हमने दो चरणों में कर्फ्यू में ढील देने की योजना बनाई है।" इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिए जाने के बाद जोधपुर सेंट्रल जेल में रखा गया है। शुक्रवार को लद्दाख में गिरफ़्तारी के बाद उन्हें उसी रात जोधपुर सेंट्रल जेल ले जाया गया।