जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से जलापूर्ति-सिंचाई ढांचे को हुआ नुकसान, मंत्री राणा ने केंद्र से मांगा विशेष पैकेज
जल शक्ति मंत्री जावेद अहमद राणा ने केंद्रीय मंत्री चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल से मिलकर जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से हुए नुकसान और जल जीवन मिशन की योजनाओं पर बात की। उन्होंने बाढ़ से जलापूर्ति और सिंचाई के ढांचे को हुए नुकसान के बारे में बताया और वित्तीय मदद की मांग की। राणा ने जल जीवन मिशन के लिए धनराशि की कमी का मुद्दा भी उठाया।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जल शक्ति मंत्री जावेद अहमद राणा ने वीरवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल से मुलाकात की और उन्हें जम्मू-कश्मीर के वर्तमान मुद्दों से अवगत कराया।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आई बाढ़ के कारण जलापूर्ति और सिंचाई के बुनियादी ढांचे को हुए व्यापक नुकसान और जल जीवन मिशन के तहत चल रही योजनाओं को पूरा करने के लिए निरंतर वित्तीय सहायता की तत्काल आवश्यकता के बारे में बताया।
बैठक के दौरान जावेद राणा ने अगस्त और सितंबर 2025 के दौरान जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में आई बाढ़ के बाद स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया।
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बाढ़ ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया
उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि बाढ़ ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। आवश्यक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है और जलापूर्ति, सिंचाई और बाढ़ सुरक्षा प्रणालियों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है।
मंत्री कहा कि इस क्षति ने जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों में सुरक्षित पेयजल और सिंचाई की पहुंच को बुरी तरह प्रभावित किया है जिससे जन स्वास्थ्य, कृषि और ग्रामीण समुदायों के समग्र कल्याण के लिए तत्काल चुनौतियां पैदा हो गई हैं।
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त्वरित आपातकालीन उपाय किए गए हैं
उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि जम्मू-कश्मीर जल शक्ति विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सेवाओं को बहाल करने के लिए त्वरित आपातकालीन उपाय किए हैं। जावेद राणा ने जल शक्ति मंत्रालय से पूर्ण पैमाने पर बहाली में सहायता करने और दीर्घकालिक निर्माण उपायों में निवेश करने के लिए एक विशेष वित्तीय पैकेज का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि ऐसा समर्थन न केवल सामान्य स्थिति बहाल करने के लिएए बल्कि ऐसे बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण है जो क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम की घटनाओं के बढ़ते प्रभावों का बेहतर ढंग से सामना कर सके।
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वित्त पोषण अंतराल का मुद्दा भी उठाया
बाढ़ संबंधी चिंताओं के अलावा मंत्री ने जलजीवन मिशन के तहत महत्वपूर्ण वित्त पोषण अंतराल का मुद्दा भी उठाया जिसका उद्देश्य जम्मू और कश्मीर के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि जहां बड़ी संख्या में योजनाओं ने पर्याप्त प्रगति की है जिनमें से कई पूरी होने के करीब हैं।
वहीं केंद्रीय सहायता में कमी और धनराशि जारी होने में देरी ने मार्च 2025 तक पूर्ण संतृप्ति की महत्वाकांक्षी समय-सीमा को पूरा करने में गंभीर बाधाएं उत्पन्न की हैं। राणा ने बकाया भुगतानों को पूरा करने और कार्यान्वयन की गति बनाए रखने के लिए तत्काल अतिरिक्त धनराशि जारी करने की आवश्यकता पर बल दिया।
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केंद्रीय मंत्री ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया
उन्होंने केंद्रीय मंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और केंद्रीय निधियों की समय पर जारी करने और अतिरिक्त वित्तीय सहायता की मंजूरी सुनिश्चित करने का आग्रह किया ताकि जम्मू.कश्मीर में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में अनावश्यक देरी न हो।
प्राप्त समर्थन के लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुएए जावेद राणा ने सीआर पाटिल को उनके धैर्यपूर्वक सुनने, आश्वासन देने और उठाए गए मुद्दों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद दिया।
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जम्मू-कश्मीर सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में हर घर जल के लक्ष्य और प्रत्येक नागरिक के लिए सुरक्षित पेयजल के अधिकार को सुनिश्चित करने वाले मजबूत, जलवायु अनुकूल जल अवसंरचना के निर्माण के प्रति जम्मू-कश्मीर सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई।
केंद्रीय मंत्री ने जावेद राणा को भारत सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और संकट के इस समय में जम्मू.कश्मीर के लोगों की सहायता के लिए तत्काल और निरंतर हस्तक्षेप की आवश्यकता को स्वीकार किया।
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