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    सीएम उमर ने बाढ़ प्रभावित कठुआ जिले का किया हवाई सर्वेक्षण, प्रभावितों परिवारों को 5-5 मरला जमीन देने की घोषणा

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 05:59 PM (IST)

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बाढ़ प्रभावित बेघर परिवारों को पांच-पांच मरला जमीन देने की घोषणा की है ताकि वे अपने आवास बना सकें। 2025 में जम्मू-कश्मीर में भारी तबाही हुई जिसमें बारिश बाढ़ और भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ। सरकार केंद्र से राहत पैकेज की उम्मीद कर रही है। बनी के विधायक ने भी प्रभावित परिवारों के लिए जमीन की मांग की है।

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    मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्ला ने बाढ़ पीड़ितों के लिए किया बड़ा ऐलान।

    संवाद सहयोगी, जागरण, बिलावर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घोषणा की कि सरकार ने उन सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों को पाँच-पाँच मरला ज़मीन देने का फ़ैसला किया है जो बेघर हो गए हैं और भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण अपने घरों के नष्ट होने और ज़मीन विहीन होने के कारण पीड़ित हैं, ताकि वे आवंटित ज़मीन पर अपने आवास बना सकें।

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    बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण

    मुख्यमंत्री ने यह घोषणा बिलावर के बारिशों और भूस्खलन प्रभावित ब्लॉक डुग्गेनी के निवासियों से बातचीत के दौरान की, जिनके घर और आजीविका हाल ही में आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इससे पहले, उन्होंने बनी विधायक डॉ. रामेश्वर सिंह के साथ ज़िले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।

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    केंद्र सरकार से सहायता की अपेक्षा

    मुख्यमंत्री ने कहा, "वर्ष 2025 जम्मू-कश्मीर में भारी तबाही लेकर आया है—मार्च-अप्रैल में सूखे से लेकर अगस्त-सितंबर में लगातार बारिश, अचानक बाढ़ और भूस्खलन ने काफी नुकसान पहुंचाया है।" उन्होंने आगे कहा, "कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक अभूतपूर्व क्षति हुई है।"

    मुख्यमंत्री ने विनाश के पैमाने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मूसलाधार बारिश ने 350 से ज़्यादा पुलों, लगभग 2,000 किलोमीटर सड़क नेटवर्क, हज़ारों हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुँचाया है, इसके अलावा खड़ी फ़सलें बह गईं और सरकारी और निजी दोनों इमारतों को नुकसान पहुँचा है। उन्होंने आगे कहा, "पुनर्स्थापन चुनौतियों की विशालता को देखते हुए, जम्मू-कश्मीर केंद्र सरकार से एक व्यापक राहत और पुनर्वास पैकेज की उम्मीद कर रहा है।"

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    जमीनी स्तर पर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि वह जमीनी स्तर पर प्रभावित क्षेत्र में जाकर बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान का प्रत्यक्ष आकलन करें। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कठुआ के सुदूर और अलग-थलग इलाकों का उनका दौरा ज़मीनी हक़ीक़त को समझने के लिए था।

    उन्होंने जम्मू-कश्मीर के प्रवेश बिंदु हीरानगर और लखनपुर में हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इन सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी।

    100 परिवारों की ज़मीन और संपत्ति पूरी तरह हुई बर्बाद : डॉ रामेश्वर सिंह

    बारिश प्रभावित क्षेत्र के नुकसान का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के दौरे के दौरान बनी के विधायक डॉ. रामेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि बनी क्षेत्र में भी मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है।

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    उन्होंने कहा कि मोर, नजोत और कंथल-माजरा जैसे गाँवों में लगभग 100 परिवारों ने अपनी ज़मीन और संपत्ति पूरी तरह से खो दी है। उन्होंने ऐसे प्रभावित परिवारों के लिए पाँच मरला ज़मीन आवंटित करने की माँग की, साथ ही जलाना पुल को हुए नुकसान, हाई स्कूल लोहाई के निर्माण कार्य के टेंडर में देरी, हाई स्कूल सदरोता के उन्नयन, और प्रभावित परिवारों के लिए केसीसी ऋण और बिजली बिलों में छूट जैसी अन्य गंभीर चिंताओं पर भी प्रकाश डाला।