Himachal High Court का आदेश अनुबंध काल की सेवाओं को वरिष्ठता व पदोन्नति में गिने विभाग, दो सप्ताह का समय देते हुए की सख्त टिप्पणी
Himachal Pradesh High Court हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिक्षा निदेशक को याचिकाकर्ता के अनुबंध काल की सेवाओं को वरिष्ठता वेतनवृद्धि व पदोन्नति के लिए गिनने का आदेश दिया है। कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया है और लाभ न देने पर संपत्ति कुर्क करने की चेतावनी दी है।

विधि संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh High Court, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिक्षा निदेशक को आदेश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ता के अनुबंध काल की सेवाओं को वरिष्ठता, वेतनवृद्धि वपदोन्नति के लिए गिनें। कोर्ट ने प्रतिवादी निदेशक को इस बाबत दो सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि प्रार्थी को यह लाभ नहीं दिए तो वह अगली सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहकर बताएं कि क्यों न विभाग की संपत्ति और दोषी अधिकारियों के वेतन को कुर्क करने का आदेश जारी किया जाए।
याचिकाकर्ता का कहना था कि सरकार अनुबंध सेवाओं के लाभ न देने के लिए हिमाचल प्रदेश भर्ती और सरकारी कर्मचारियों की सेवा की शर्त अधिनियम, 2024 (एक्ट) लाई है। इसकी आड़ में हाई कोर्ट सहित सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर अतिक्रमण करने की कोशिश की जा रही है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने प्रार्थी की इस दलील से सहमति जताते हुए शिक्षा विभाग को उपरोक्त शर्त के साथ कोर्ट के फैसले का पालन करने का एक और अंतिम देने के आदेश जारी किए।
यह भी पढ़ें- Himachal News: छह अंतरराष्ट्रीय नशा तस्करों की 4.78 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त, एक किलो साेना व नकदी भी शामिल
कोर्ट ने शिक्षा निदेशक के 24 जुलाई 2025 के एक पत्र को रिकार्ड पर लिया। इस पत्र में बताया गया कि हिमाचल प्रदेश भर्ती और सरकारी कर्मचारियों की सेवा की शर्त अधिनियम, 2024 के प्रविधानों के मद्देनजर याचिकाकर्ता की सेवाएं 12 दिसंबर 2003 के बाद नियमित की गई हैं, इसलिए उन्हें अनुबंध के आधार पर उनकी प्रारंभिक नियुक्ति की तिथि से नियमित नहीं माना जा सकता।
जिस अवधि के दौरान याचिकाकर्ता ने अनुबंध के आधार पर काम किया, उसे वरिष्ठता, वेतन वृद्धि और पदोन्नति आदि जैसे किसी भी परिणामी/मौद्रिक लाभ के लिए नहीं गिना जाएगा। इस पत्र का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने पाया कि प्रतिवादियों द्वारा हाई कोर्ट के निर्णय का उल्लंघन करने का प्रयास किया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।