जागरण संपादकीय: पाकिस्तान का पागलपन, पूरी तरह बेशर्मी पर उतरा
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री से भी गंदा काम लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के एक राजनयिक ने तब किया जब पहलगाम हमले को लेकर वहां रह रहे भारतीय अपना रोष प्रकट कर रहे थे। इस राजनयिक ने अपने उच्चायोग की बालकानी पर आकर भारतीयों का गला काटने की धमकी दी। गनीमत है कि उसने अपने हाथ में चाकू नहीं थामा।
आतंक का समर्थक कोई देश कितना निर्लज्ज हो सकता है, यह पहलगाम के भीषण आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के सैन्य अफसरों, नौकरशाहों और नेताओं की प्रतिक्रिया से स्पष्ट होता है। पहले तो पाकिस्तान आतंकी घटनाओं में अपना हाथ मिलने पर तरह-तरह की सफाई देता था, खुद को आतंकवाद से पीड़ित होने की बात करता था और आतंकी देश की अपनी छवि सुधारने का दिखावा करता था, लेकिन अब तो वह पूरी बेशर्मी पर उतर आया है।
इसका पता वहां के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के इस बयान से मिलता है कि हम 30 वर्षों से आतंकी तैयार करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने यह समझाने की कोशिश की कि पाकिस्तान ने यह गंदा काम अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के कहने पर किया, लेकिन क्या इन देशों ने जिहादी आतंक की फैक्ट्रियां तैयार करने के लिए उसे बंधक बना लिया था? सब जानते हैं कि वह डालरों के लालच में और इस्लामी जगत का अगुआ बनने के लिए यह सब कर रहा था।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री से भी गंदा काम लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के एक राजनयिक ने तब किया, जब पहलगाम हमले को लेकर वहां रह रहे भारतीय अपना रोष प्रकट कर रहे थे। इस राजनयिक ने अपने उच्चायोग की बालकानी पर आकर भारतीयों का गला काटने की धमकी दी। गनीमत है कि उसने अपने हाथ में चाकू नहीं थामा। उसने इस्लामिक स्टेट के खूंखार जिहादियों जैसा इशारा कर पाकिस्तान को तो शर्मसार किया ही, यह भी बताया कि वहां के शासन के उच्चस्तर पर कैसी घृणित मानसिकता वाले लोग प्रवेश कर गए हैं। इस पर हैरानी नहीं कि भारतीयों का गला रेतने का इशारा करने वाला राजनयिक मूलतः पाकिस्तान का कर्नल है, जो लंदन में रक्षा सलाहकार के रूप में तैनात है। पाकिस्तान को तो उसकी इस हरकत पर कोई शर्मिंदगी नहीं होगी, लेकिन ब्रिटेन को इस पर सोचना चाहिए कि क्या वह अपनी धरती पर ऐसे राजनयिक को सहन कर सकता है?
इस राजनयिक की हरकत से यह और अच्छे से स्पष्ट होता है कि पाकिस्तानी सेना ने किस तरह किसी जिहादी संगठन में तब्दील हो गई है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण तो पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ही हैं, जो जिहादी मौलाना की तरह नफरत भरे भाषण करते हैं। एक ऐसा ही भाषण उन्होंने पहलगाम हमले के सप्ताह भर पहले ही दिया था। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए जो कदम उठाए हैं, उनके जवाब में उसकी ओर से जैसे बयान आए, वे भी यही बताते हैं कि वह भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए खतरा बन गया है। कोई परमाणु हथियारों की धमकी दे रहा है तो कोई सिंधु जल समझौता रोकने के फैसले को युद्ध की घोषणा जैसा बता रहा है।
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