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    जाॅनसन एंड जाॅनसन, जीएसके और एल्केम जैसे नामी ब्रांड के नाम पर बेचते थे 'ज़हर', छह गिरफ्तार

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 04:11 PM (IST)

    दिल्ली क्राइम ब्रांच ने नकली दवा बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसमें जॉनसन एंड जॉनसन और जीएसके जैसे ब्रांडों की नकली दवाएं बनाने वाले छह लोग गिरफ्तार किए गए हैं। हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में दो फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया गया है जहाँ नकली अल्ट्रासेट आगमेंटिन 625 और पैन-40 जैसी दवाएं जब्त की गईं। ये रिश्तेदारों के खातों के माध्यम से भुगतान करते थे।

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    जांच टीम इन गिरफ्तार किये गए छह लोगों से गहन पूछताछ कर रही है।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। क्राइम ब्रांच की टीम ने कई राज्यों में सक्रिय एक बड़े नकली दवा गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह में जाॅनसन एंड जाॅनसन, जीएसके और एल्केम जैसे प्रसिद्ध दवा ब्रांडों की नकली जीवन रक्षक दवाओं के निर्माण, आपूर्ति और वितरण में शामिल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। नकली अल्ट्रासेट, आगमेंटिन 625, पैन-40 और बेटनोवेट-एन स्किन क्रीम का एक बड़ा जखीरा जब्त किया गया है। इन नकली दवाओं का सेवन करने से जन स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है। हरियाणा के जींद और हिमाचल प्रदेश के बद्दी में इन नकली दवाओं के निर्माण और पैकेजिंग में शामिल दो फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया गया है।

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    कार से लेकर जा रहे थे माल

    पुलिस को ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, बीती 30 जुलाई को मिली जानकारी के आधार पर सिविल लाइंस के श्यामनाथ मार्ग पर एचपी सीएनजी पेट्रोल पंप पर जाल बिछाया गया। एक वैगनआर कार (पंजीकरण संख्या UP21 ET 3620) को रोका गया, जिसमें मुरादाबाद, यूपी के मोहम्मद आलम और मोहम्मद सलीम नकली दवाएं ले जा रहे थे।

    जॉनसन एंड जॉनसन और जीएसके के प्रतिनिधियों ने मौके पर पुष्टि की कि पैकेजिंग और स्टैंपिंग कंपनी के मानकों के अनुरूप नहीं थे। लैब परीक्षणों ने दवाओं के नकली होने की पुष्टि की। आगे की जांच से पता चला कि यह सिंडिकेट एक सुसंगठित अंतरराज्यीय नेटवर्क के जरिए काम कर रहा था, जिसमें सोर्सिंग, निर्माण, वितरण और खुदरा बिक्री शामिल थी।

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    सोशल मीडिया से तलाशते थे सप्लायर

    नकली व्यापार का प्रारंभिक संपर्क अक्सर फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए होता था। मोहम्मद आलम और मोहम्मद जुवैर को अरुण और प्रेम जैसे नकली दवा आपूर्तिकर्ताओं से पोस्ट और मैसेज के जरिए जोड़ा गया। दवाएं अरुण (महाराजगंज), कोमल (करनाल), सुमित (गोरखपुर) जैसे आपूर्तिकर्ताओं से ली जाती थीं। इसमें अल्ट्रासेट, ऑगमेंटिन, जीरो डोल एसपी, पैंटोप डीएसआर, कैनाकॉर्ट इंजेक्शन आदि शामिल थे।

    पुलिस के अनुसार, सरगना राजेश मिश्रा ने अपनी फार्मास्यूटिकल निर्माण की पूर्व अनुभव का उपयोग कर जिंद में परमानंद द्वारा संचालित 'महा लक्ष्मी' नामक गुप्त इकाई के जरिए नकली उत्पादन शुरू किया। भुगतान मोबाइल वॉलेट, बारकोड या रिश्तेदारों (जैसे मीना, उमेश, दीपांकर शुक्ला) के खातों के जरिए किए गए।

    बरामद मोबाइल फोनों में कोमल जी करनाल, अमित जैन स्किनशाइन दिल्ली, पप्पी भैया जीकेपी जैसे उपनामों के साथ संपर्क सहेजे गए थे, जो जानबूझकर छिपाने का संकेत देते हैं। खुदरा वितरण भरोसेमंद मेडिकल स्टोर या बिना झोला छाप डॉक्टर के जरिए होता था।

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    रिश्तेदारों के खाते में मंगाते थे रुपया

    पुलिस ने बताया कि राजेश मिश्रा ने नेहा शर्मा और पंकज शर्मा की मदद से प्रसिद्ध फार्मास्यूटिकल ब्रांडों जैसे खाली पैकेजिंग बॉक्स हासिल किए। ब्लिस्टर पैकिंग के लिए फॉयल सामग्री और डाई बद्दी, हिमाचल प्रदेश से गोविंद मिश्रा के जरिए खरीदे गए। नकली टैबलेट, विशेष रूप से अल्ट्रासेट, का निर्माण हरियाणा के जिंद में परमानंद की इकाई में होता था। निर्मित दवाएं रेल के जरिए गोरखपुर पहुंचाई जाती थीं और प्रेम शंकर जैसे हैंडलरों द्वारा मोहम्मद आलम और मोहम्मद सलीम जैसे ग्राउंड-लेवल डीलरों को वितरित की जाती थीं। रुपयों के लेनदेन के लिए रिश्तेदारों के खातों का उपयोग किया जाता था। सामान्य कूरियर और निजी वाहनों का उपयोग संदेह से बचने के लिए किया जाता था। 

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    देश के लिये चिंता का विषय

    नकली दवा का कारोबार पूरे देश में गहरी जड़े जमा चुका है। लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले ऐसे लोगों ने कमोबेश हर राज्य में अपनी पैठ बना रखी है। ऐसे में क्राइम ब्रांच क यह कार्रवाई बहुत बड़ी कामयाबी को दर्शाती है। जांच टीम इन गिरफ्तार किये गए छह लोगों से गहन पूछताछ कर इस व्यापार के जाल कहां तक फैले हैं, उसका भी पता लगा रही है। 

    बड़ी कंपनियों के नाम पर किये जा रहे इस गोरखधंधे का खुलासा होने के बाद वहां मौजूद कागजों के आधार पर क्राइम ब्रांच यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन दवाओं की सप्लाई कहां-कहां की जाती थी। पुलिस ने उम्मीद जताई है कि इस मामले में जल्द ही कुछ और बड़ी लीड का खुलासा किया जा सकता है। 

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