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Rajasthan Crime: IPS अधिकारी ने पुलिसकर्मी से ली थी साढ़े नौ लाख की रिश्वत, अब ACB ने दर्ज किया मामला

आईपीएस अधिकारी विष्णुकांत ने एसीबी में महानिरीक्षक पद पर रहते हुए करीब तीन साल पहले रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए एक पुलिसकर्मी से साढ़े नौ लाख रुपये की रिश्वत ली थी। विष्णुकांत ने यह पैसे रिश्वत मामले को रफा-दफा करने के बदले लिए थे।विष्णुकांत वर्तमान में होमगार्ड में महानिरीक्षक पद पर तैनात है। जांच में सामने आया कि सरदार सिंह विष्णुकांत के गैनमैन प्रताप सिंह का भाई है।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Published: Thu, 02 May 2024 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2024 10:30 PM (IST)
IPS अधिकारी ने पुलिसकर्मी से ली थी साढ़े नौ लाख की रिश्वत। प्रतीकात्मक फोटो।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक पुलिसकर्मी से ही रिश्वत ली थी। आईपीएस अधिकारी ने यह रिश्वत तत्कालीन पुलिस महानिदेशक के नाम से ली थी। अब मामले का खुलासा हुआ तो राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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साढ़े नौ लाख रुपये की ली थी रिश्वत

आईपीएस अधिकारी विष्णुकांत ने एसीबी में महानिरीक्षक पद पर रहते हुए करीब तीन साल पहले रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए एक पुलिसकर्मी से साढ़े नौ लाख रुपये की रिश्वत ली थी। विष्णुकांत ने यह पैसे रिश्वत मामले को रफा-दफा करने के बदले लिए थे। विष्णुकांत वर्तमान में होमगार्ड में महानिरीक्षक पद पर तैनात है।

क्या है पूरा मामला?

परिवादी सत्यपाल पारीक की शिकायत पर एसीबी ने साल, 2021 में जयपुर के जवाहर सर्किल पुलिस थाने में तैनात पुलिसकर्मियों सरदार सिंह और लोकेश को रिश्वत के मामले में पकड़ा था। दोनों के खिलाफ पक्के सबूत थे, लेकिन उस दौरान एसीबी में तैनात विष्णुकांत ने सरदार सिंह का केस से नाम हटाकर मामले को रफा-दफा करने के बदले साढ़े नौ लाख रुपये की रिश्वत ली थी।

परिवादी सत्य प्रकाश को इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने इस बारे में सबूत जुटाए । पारीक ने ये सबूत एसीबी के तत्कालीन महानिदेशक एवं सरकार में उच्च स्तर तक पहुंचाए। सबूत पक्के होने पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विष्णुकांत को एसीबी से चुपचाप हटा दिया था, लेकिन करीब तीन महीने पहले इस मामले का खुलासा हुआ कि विष्णुकांत ने पुलिसकर्मी से रिश्वत ली थी तो एसीबी ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ललित किशोर शर्मा को जांच सौंपी थी। शर्मा की रिपोर्ट में विष्णुकांत पर लगे आरोप सही पाए गए।

जांच में सामने आया कि सरदार सिंह विष्णुकांत के गैनमैन प्रताप सिंह का भाई है। ऐसे में विष्णु कांत ने अपने गैनमैन के माध्यम से उसके भाई से रिश्वत ली थी। जांच में सामने आया कि सरदार सिंह और प्रताप सिंह ने विष्णुकांत से व्हाट्सऐप पर हुई बात को रिकार्ड कर लिया था। इसके बाद दोनों भाईयों ने रिकॉर्डिंग शिकायतकर्ता पारीक को भेजकर कहा कि हमने महानिरीक्षक को विश्वास में ले लिया अब हमारा कुछ भी नहीं बिगड़ेगा।

 एसीबी ने विष्णु कांत के खिलाफ दर्ज किया है मामला

विष्णुकांत ने पैसे लेकर सरदार सिंह का नाम हटा दिया है। सरदार सिंह से मिलने नौ आडियो व मैसेज का रिकार्ड पारीक ने एसीबी और सरकार में उच्च स्तर तक पहुंचाया तो पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शर्मा की रिपोर्ट पर एसीबी ने विष्णु कांत के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया है। इस मामले में सरदार सिंह व प्रताप सिंह को भी आरोपित बनाया गया है।

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