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सैलानियों को भारत-चीन सीमा की सैर कराएगा पर्यटन विभाग

मंगलवार को विश्व पर्यटन दिवस पर पर्यटन विभाग सैलानियों को भारत-चीन सीमा की सैर कराएगा। 150 पर्यटक नेलांग घाटी की खूबसूरत वादियों का दीदार कर सकेंगे।

By sunil negiEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 11:57 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 02:30 AM (IST)
सैलानियों को भारत-चीन सीमा की सैर कराएगा पर्यटन विभाग

उत्तरकाशी: मंगलवार को विश्व पर्यटन दिवस पर पर्यटन विभाग सैलानियों को भारत-चीन सीमा की सैर कराएगा। दो दिवसीय इस भ्रमण कार्यक्रम में 150 पर्यटक नेलांग घाटी की खूबसूरत वादियों का दीदार कर सकेंगे। अब तक 80 सैलानी अपना पंजीकरण करा चुके हैं। गौरतलब है कि 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद इस क्षेत्र को बाहरी लोगों के लिए बंद कर दिया था। वर्ष 2014 में वर्ष 2014 से प्रशासन व गंगोत्री नेशनल पार्क की पहल पर घाटी को सैलानियों के लिए खोला गया है।

उत्तरकाशी से 117 किलोमीटर दूर नेलांग घाटी की यात्रा रोमांच से भरपूर है। समुद्र तल से साढ़े तीन से चार हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित ट्रांस हिमालय की खड़ी चट्टानें, नदियां व झील पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण हैं। उत्तरकाशी के जिला पर्यटन अधिकारी केएस नेगी बताते हैं कि नेलांग घाटी में प्रकृति का अनमोल खजाना है, लेकिन प्रचार प्रसार न होने के कारण लोगों को इसके बारे में पता नहीं है।

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इसीलिए इस भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन कर एक संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नेलांग में करीब 40 पर्यटकों के लिए 27 सितंबर को रात्रि विश्राम की व्यवस्था भी की गई है। जबकि शेष 110 को भैरवघाटी, गंगोत्री और हर्षिल में ठहराया जाएगा। दूसरे दिन सैलानियों को जादूंग गांव सैलानियों को सैर करायी जाएगी। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा भी शिरकत करेंगे।

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प्रवेश के लिए अनुमति जरूरी
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नेलांग घाटी में जाने के लिए प्रशासन व गंगोत्री नेशनल पार्क से अनुमति लेनी पड़ती है। नेलांग तक के सफर के लिए भारतीयों से प्रति व्यक्ति 150 रुपये बतौर शुल्क लिया जाता है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण विदेशी पर्यटकों को यहां जाने की अनुमति नहीं है।

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