Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां हर बरसात में झील में समा जाता है पुल, अलग-थलग पड़ जाते हैं 40 गांव

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sat, 27 Aug 2016 06:32 PM (IST)

    यहां हर साल 40 गांवों को जोड़ने वाला पुल झील के पानी में डूब जाता है। इससे इन गांवों का संपर्क दूसरे क्षेत्रों से कट जाता है।

    चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी [जेएनएन]: यहां हर साल 40 गांवों को जोड़ने वाला पुल झील के पानी में डूब जाता है। इससे इन गांवों का संपर्क दूसरे क्षेत्रों से कट जाता है।
    इस बार भी टिहरी बांध की झील का जलस्तर 817 मीटर पहुंचने से दिचली और गमरी पटटी के इन गांवों को जोड़ने वाला देवीसौड पुल पर दो मीटर झील के पानी में डूब गया है। झील में पुल के डूबने से से ग्रामीणों को विकास मुख्यालय तक पहुंचने के लिए 20 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। खासकर परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें: उत्तराखंड: पौड़ी में चार गांवों पर मानसून का सितम
    देवी सौड़ पुल के आसपास झील में कूड़ा करकट होने के कारण बोट का संचालन पीपलमंडी से कोटी गाड के बीच हो रहा है। वहीं इस पुल के स्थान पर दूसरे पुल का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है।
    वर्ष 2006 में टिहरी बांध की झील बनने के कारण टिहरी बांध की झील का जल स्तर चिन्यालीसौड़ धरासू पावर हाउस तक रहता है। चिन्यालीसौड़ का देवीसौड़ पुल आरएल 816 मीटर में झील में समा जाता है।

    पढ़ें-पिथौरागढ़ में डरा रहे हैं मेघ, बीती रात डीडीहाट में हुई भारी बारिश
    इस बार भी झील का जलस्तर आरएल 817 मीटर पहुंच गया, जिससे प्रभावित क्षेत्र गमरी और दिचली पटटी के 40 गांवों के लोगों और अध्यापकों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या से निजात पाने के लिए स्थाई व्यवस्था के लिए मोटर पुल का निर्माण अभी अधूरा पड़ा है। हालांकि आने-जाने के लिए दो मोटर बोट की व्यवस्था है। परंतु बोट संचालन पीपलमंडी से कोटी गाड के बीच हो रहा है। जिससे लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
    देवीसौड़ पुल के आसपास भार मात्रा में झील में लकड़ी, कूड़ा-कचरा जमा है। स्थानीय निवासी जीत ङ्क्षसह राणा, घनश्याम नौटियाल, धर्मानंद बिजल्वाण आदि ने झील से कूड़ा-कचरा हटाने की मांग की है।

    पढ़ें: पौड़ी में बादल फटा, एक परिवार के सात लोग जिंदा दफन; सभी शव निकाले
    तहसीलदार पूनम पंत ने बताया कि लकड़ी कचरा उठाने के लिए टीएचडीसी से बारज बोट मंगवायी गई है और लोगों को सुरक्षित आवाजाही कराने के लिए निर्देश दिया है।
    दिचली और गमरी पटटी के प्रभावितों के लिए यहां पर करीब 52 करोड़ रुपये की लागत से दो साल से पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। इस पुल के निर्माण में अभी छह माह का समय लगना बताया जा रहा है।
    पढ़ें: उत्तराखंड: सातों मृतकों का किया गया अंतिम संस्कार, सीएम रहे मौजूद