द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद
वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट भी बंद कर दिए गए। इसके अलावा पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार तुंगनाथ और चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट बंद हो चुके हैं।
रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: चार धाम के कपाट बंद होने के साथ ही अब पंचकेदार के कपाट भी बंद हो गए हैं। मंगलवार को वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट भी बंद कर दिए गए। इसके अलावा पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार तुंगनाथ और चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट बंद हो चुके हैं, जबकि पंचम केदार कल्पेश्वर के कपाट साल भर खुले रहते हैं।
मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया प्रात: छह बजे आरंभ की गई। मुख्य पुजारी गंगाधर लिंग ने गर्भगृह में विशेष पूजा-अर्चना की तथा भोले बाबा को भोग लगाया। इसके बाद ही बाबा की भोगमूर्ति को डोली में विराजमान किया गया।
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साढ़े आठ बजे कपाट बंद होने के साथ ही यात्रा शीतकालीन प्रवास स्थल ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई। रात्रि विश्राम के बाद डोली 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया और 25 नवंबर को ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। शीतकाल में यहीं पर मद्महेश्वर की पूजा होगी।
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