अपने लाल के लिए तेंदुए से भिड़ गई मां, जबड़े से खींचकर बचाई जान
एक मां ने अपने लाल को तेंदुए के जबड़े में देखकर आंव देखा न तांव और तेंदुए से जंग जीतकर अपने बच्चे को बचा लिया। पढ़ें, इस मां की वीरता।
पिथौरागढ़, [ओपी अवस्थी]: मां तो मां होती है। अगर संकट उसके कलेजे के टुकड़े पर आ जाए तो वह रणचंडी का रूप भी धारण कर लेती है। कुछ ऐसा ही हुआ पिथौरागढ़ से 12 किमी दूर तोली गांव में। मां के साथ घास काटने गए नौ वर्षीय बेटे को तेंदुए (गुलदार) ने दबोच लिया और जंगल की ओर खींच कर ले जाने लगा। लेकिन, अपने लाल को बचाने मां ने आंव देखा न तांव और बचा लिया अपना लाल। पढ़ें।
घटना बीते रोज शाम तीन बजे की है। हेमा धामी अपनी पुत्री मंजू (10 वर्ष) और पुत्र दिनेश (9 वर्ष) के साथ घास लेने गई थी। जब ये लोग घास लेकर लौटने लगे तो झाड़ी में छिपे गुलदार ने दिनेश पर हमला कर दिया और उसे खींच कर ले जाने लगा। पुत्र का जीवन संकट में देखते ही हेमा ने पल भर में ही घास का गठ्ठर फेंका और डंडे के सहारे गुलदार से भिड़ गई।
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बच्चे का सिर तेंदुए के जबड़े में था। हेमा के लिए एक-एक पल महत्वपूर्ण था। उसने न हिम्मत हारी और न धैर्य खोया। जीत मां की ममता और साहस की हुई। तेंदुआ बच्चे को छोड़ जंगल की ओर भाग निकला।
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गुलदार के जंगल की तरफ भागने के बाद हेमा बेसुध होकर गिर गई। साथ में आई उसकी दस वर्षीय पुत्री यह सब देखकर बेहद घबरा गई। सदमे में आ गई। घटना की जानकारी मिलने पर ग्रामीण तीनों को अस्पताल लेकर आए। दिनेश के सिर के पिछले हिस्से व कान के पास गहरा घाव है और सीने पर भी नाखून के जख्म हैं।
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उपचार के बाद हेमा सामान्य हो गई है, लेकिन यह मंजर देखने वाली बेटी अब भी सदमे में है। क्षेत्र में साहसी मां के पराक्रम की हर तरफ चर्चा हो रही है।
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