जान बचाने को महिला ने किया ऐसा, तेंदुआ आ गया काबू में
महिला ने देखा कि उसके मवेशी की जान के पीछे तेंदुआ पड़ा है। उसने ऐसी चतुराई दिखाई कि तेंदुआ उसकी गिरफ्त में हो गया।
रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: महिला ने देखा कि उसके भैंस के बछड़े का शिकार करने के लिए तेंदुआ तैयार है। साहस दिखाते हुए महिला ने आंव देखा न तांव, और आ गई तेंदुए के सामने। कुछ ही देर में महिला ने तेंदुए को कमरे में बंद कर दिया।
मामला उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के चोपड़ा क्षेत्र स्थित चामक गांव का है। सुबह लगभग आठ बजे अगस्त्यमुनि विकास खंड की चामक ग्राम सभा के चन्द्रशेख सेमवाल खेत में अपने पशु लेकर जा रहे थे, साथ में उनकी पत्नी त्रिलोचनी सेमवाल भी मौजूद थी। गांव के पास ही पंचायत भवन में भैस का बछड़ा भी रखा गया था, तेंदुआ भैस के बछड़े को निवाला बनाने के लिए पंचायत भवन में घुस गया। इस बीच त्रिलोचनी की नजर इस तेंदुए पर पड़ गई।
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त्रिलोचना ने साहस दिखाते हुए तेंदुए को पंचायत भवन का दरवाजा लगा कर बंद कर दिया। महिला ने चतुराई से अन्य जानवरों की जान भी बच गई। इसकी सूचना पूरे गांव को दी गई, पूरी ग्राम सभा के ग्रामीण एकत्रित हो गए। वन विभाग को भी इसकी सूचना दी गई। उप प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चन्द्र पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
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देर रात्रि को तेंदुए को पिंजरे में बंद करने में वन विभाग सफल हुआ। तथा इसके बाद तेंदुए को अपने साथ ले गए। देर रात्रि को ही जंगल में तेंदुए को छोड़ दिया गया। उप प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चन्द्र ने बताया कि तेंदुआ पूरी तरह स्वस्थ्य है। आदमखोर नहीं है। जांच के बाद उसे जंगल में छोड़ दिया गया है। वहीं पूर्व व्यापार संघ लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल ने महिला के साहस को देखते हुए उन्हें वीरता पुरस्कार देने की मांग सरकार से की है।
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