बगैर टीईटी वाले शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षकों की नौकरी खतरे में
राज्य में शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई। हाई कोर्ट ने बगैर टीईटी वाले ऐसे सहायक अध्यापकों को नौकरी से बाहर करने के आदेश दिए हैं।
नैनीताल, [जेएनएन]: राज्य में शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई। हाई कोर्ट ने बगैर टीईटी वाले ऐसे सहायक अध्यापकों को नौकरी से बाहर करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में दो हजार सहायक अध्यापक प्रभावित होंगे।
जनवरी, 2015 के राज्य सरकार के शासनादेश से प्रदेश भर के करीब 2652 शित्रा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया था। इनमें अधिकांश शिक्षक पात्रता परीक्षा दिए बगैर ही सहायक अध्यापक बन गए। इनकी संख्या करीब दो हजार है।
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शिक्षक पात्रता परीक्षा के सहायक अध्यापक बनाए जाने के खिलाफ अभ्यर्थी ललित व अन्य ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि टीईटी पात्रता के बगैर किस आधार पर शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक बनाया गया है, जबकि राज्य में टीईटी पात्रता वाले हजारों बेरोजगार हैं।
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इन मामले में हाई कोर्ट की एकलपीठ सुधांशु धूलिया ने सुनवाई करते हुए बगैर टीईटी वाले शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद से बाहर करने के आदेश दिए।
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