Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब विस चुनाव नहीं लड़ना चाहते बहुगुणा

    By BhanuEdited By:
    Updated: Tue, 21 Jun 2016 01:58 PM (IST)

    पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता विजय बहुगुणा ने साफ किया कि भविष्य में वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते। बहुगुणा ने हरीश रावत सरकार को भी निशाने पर लिया।

    हरिद्वार, [जेएनएन]: पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता विजय बहुगुणा ने साफ किया कि भविष्य में वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते। बहुगुणा ने हरीश रावत सरकार को निशाने पर लिया और आरोप जड़ा कि मंत्री और सत्तारुढ़ गठबंधन के विधायक सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं।
    दलबदल कानून के तहत सदस्यता गंवा चुके पूर्व विधायक भीमलाल आर्य को सरकारी ओहदा देने के मामले में भी उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत पर हमला बोला। कहा, विधायकी रद्द होने के बाद आर्य को असंवैधानिक तरीके से सरकारी ओहदा थमाया गया है, जबकि दोबारा निर्वाचित होने तक उन्हें राजनीतिक पद से नहीं नवाजा जा सकता।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें:- राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने वापस लौटाई सहायता राशि
    हरिद्वार में भाजपा विधायक मदन कौशिक के आवास पर पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री ने भविष्य में विधानसभा चुनाव लडऩे की संभावना पर तस्वीर साफ की। आगामी चुनाव में उनकी संभावित सीट के सवाल पर बहुगुणा ने सिर्फ इतना कहा कि वह अब विधानसभा चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते।
    उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश में अपनी सरकार बचाने के लिए सदन में बहुमत तो साबित कर दिया, मगर हकीकत किसी से छिपी नहीं है। इस अल्पमत की सरकार से बजट तक पास नहीं हो पा रहा। मंत्री व गठबंधन के विधायक कमीशन के लिए प्रदेश सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं।

    पढ़ें:- माननीयों में फिर से लगी गनर लेने की होड़
    बहुगुणा ने कहा कि विधानसभा की 70 में से 12 सीटें खाली हैं। लिहाजा, प्रदेश में जल्द चुनाव कराने की जरूरत है। इससे पूर्व देहरादून में मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा ने राज्य अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास परिषद अध्यक्ष पद पर पूर्व विधायक भीमलाल आर्य की नियुक्ति को असंवैधानिक बताया।

    पढ़ें:- वित्तीय हालात सुधरते ही गठित होंगे नए जिले: सीएम
    उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत संविधान की व्यवस्था का उल्लंघन कर रहे हैं। आयोग्य ठहराए गए विधानसभा के सदस्य को धारा 361-बी के तहत राजनीतिक पद नहीं दिया जा सकता।
    यह उस स्थिति में ही मुमकिन है, जब अयोग्य विधायक दोबारा निर्वाचित होकर विधानसभा सदस्य बने। इससे साफ हो गया कि मुख्यमंत्री ने अपने सियासी लाभ के लिए भीमलाल को लाभ का पद दिया है।

    पढ़ें:- उत्तराखंड के बजट पर कुंडली मारकर बैठी है केंद्र सरकारः हरीश रावत
    यही नहीं, उन्हें पद पर कार्यरत रहने की अवधि तक मंत्री स्तर का दर्जा भी दिया गया है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा के भीमलाल आर्य को लेकर दिए गए बयान पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हर किसी को बोलने का अधिकार है। हम किसी को बोलने से रोक नहीं सकते।
    पढ़ें-उत्तराखंडः नए सिरे से पारित कराना होगा विनियोग विधेयक

    comedy show banner
    comedy show banner