माननीयों में फिर से लगी गनर लेने की होड़
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के दौरान माननीयों के गनर हटा दिए गए थे, लेकिन राष्ट्रपति शासन हटने के बाद फिर से गनर लेने की होड़ लग गई है।
देहरादून, [जेएनएन]: प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के दौरान गनर हटने से परेशान माननीय अब फिर से इन्हें रखने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। शासन में अभी तक गनर रखने के लिए सौ से अधिक आवेदन आ चुके हैं।
इनमें से अधिकांश ने गनर रखने के लिए सुरक्षा कारणों को हवाला दिया है, जबकि कुछ ने सरकार बहाल होने का हवाला देते हुए पूर्ववर्ती व्यवस्था की भांति ही गनर देने का अनुरोध किया है।
पढ़ें:- उत्तराखंड के बजट पर कुंडली मारकर बैठी है केंद्र सरकारः हरीश रावत
प्रदेश में माननीयों और सियासी रसूखदारों के लिए अपने पास गनर रखना स्टेटस सिंबल बन चुका है। यही कारण है कि शासन में गनर लेने के लिए आवेदनों का अंबार लगा है। हालांकि, शासन संबंधित जिले से व्यक्ति के बारे में जानकारी लेने के बाद ही उन्हें गनर मुहैया कराता है।
राष्ट्रपति शासन लगने से पहले शासन ने मंत्रिमंडल के सदस्यों, पूर्व मुख्यमंत्रियों, विधायकों व विभिन्न राजनेताओं व उद्यमियों को 150 से अधिक गनर मुहैया कराए थे। इनमें से तकरीबन 10 गनर के लिए शुल्क लिया जा रहा था, शेष सभी मुफ्त सेवा दे रहे हैं।
पढ़ें:- जमीन कब्जाने में फंसे यूपी के विधायक प्रेम प्रकाश सिंह, कोर्ट ने सात जुलाई को किया तलब
प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने के दौरान विधायकों व आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को छोड़ शेष राजनीतिक व्यक्तियों से गनर वापस ले लिए गए थे। मुख्यमंत्री हरीश रावत के फ्लोर टेस्ट पास कर दोबारा सत्ता संभालने के बाद अब धीरे धीरे फिर से लाल बत्तियों का वितरण हो रहा है।
जिन्हें पदों पर विधिक तौर पर गनर अनुमन्य हैं उन्हें तो गनर मिल ही चुके हैं लेकिन विभिन्न परिषद व समितियों में राजनीतिक सदस्य के तौर पर तैनात रहने वालों ने भी फिर से गनर लेने के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा सत्ताधारी दल के पदाधिकारियों ने भी अपनी सुरक्षा को भय बताते हुए गनर लेने के लिए आवेदन किया है।
गनर लेने के लिए आतुर कई महानुभाव तो लगातार इधर-उधर से सिफारिश भी लगवा रहे हैं। फिलहाल, शासन में आए आवेदनों पर अभी कार्यवाही शुरू कर दी गई है। कुछ महानुभावों को गनर आवंटित कर दिए गए हैं। कई प्रकरणों पर जिलों से रिपोर्ट भी ली जा रही है।
पढ़ें:- उत्तराखंड: स्टिंग मामले में सीबीआई ने हाई कोर्ट में दाखिल किया जवाब
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।