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    आइआइटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने विकसित किया स्मार्ट इन्वर्टर कंट्रोलर डिवाइस

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Sat, 24 Sep 2016 03:00 AM (IST)

    भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आइआइटी-आर) के वैज्ञानिकों ने एक स्मार्ट इन्वर्टर कंट्रोलर डिवाइस (एसआइसीडी) वि‍कसित किया है, जो ऊर्जा के किफायती उ ...और पढ़ें

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    रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आइआइटी-आर) के वैज्ञानिकों ने एक स्मार्ट इन्वर्टर कंट्रोलर डिवाइस (एसआइसीडी) विकसित करने का दावा किया है, जो सौर ऊर्जा के कुशल और किफायती उपयोग के साथ ही पारंपरिक ऊर्जा के उपयोग में मददगार साबित है।

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    टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, आइआइटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर कमल जैन ने बताया कि इस डिवाइस को आवासीय या वाणिज्यिक भवनों में सौर फोटोवोल्टिक और पारंपरिक बिजली के पैनलों में उपयोग किया जा सकता है। इससे सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग किया जा सकता है।

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    उन्होंने कहा कि इस तरह का उपकरण अब तक भारत में उपलब्ध नहीं था, लेकिन सौर ऊर्जा के किफायती और व्यापक उपयोग के लिए इसको विकसित किया गया है। यह सौर ऊर्जा को बैटरी में संग्रहित करता है। साथ ही यह इनवर्टर घरेलू जरूरतों के लिए डीसी करंट को एसी करंट में बदल देता है। इसका कन्वेंशनल ग्रिड पावर सबसे पहले एसी करंट को बैटरी को चार्ज करने में उपयोग करता है।

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    इस प्रोजेक्ट में शामिल वैज्ञानिकों के अनुसार, उपभोक्ता की मुख्य जरूरत यह होती है कि उनके इन्वर्टर की बैटरी हर समय चार्ज रहे। वैज्ञानिक सुशील शर्मा ने बताया कि जब सौर ऊर्जा से बैटरी चार्ज होगी, तो डिवाइस अपने आप घर के बिजली ग्रिड को डिस्कनेक्ट कर देगा।

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    डिवाइस सबसे पहले उपयोगकर्ता द्वारा बिजली की खपत के अनुसार बैटरी के डिस्चार्ज होने के पैटर्न को देखता है और अपने आप ही इसे समायोजित कर लेता है। यह डिवाइस मौसम की स्थिति को भी दर्ज करता है। प्रोफेसर ने बताया कि यह डिवाइस टीवी के सेट टॉप बॉक्स के जैसा है। इसकी कीमत करीब पांच हजार रुपये है। उन्होंने बताया कि हमारा डिवाइस बैटरी के चार्ज और डिस्चार्ज के साइकिल को समायोजित करता है। हमने देखा है कि यह डिवाइस बैटरी की लाइफ को बढ़ा देता है।
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