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तैयार किए जादुई जूते, पहनकर चलने पर पैदा होगी बिजली

आइआइटी रुड़की ने एक ऐसी तकनीक ईजाद की है, जिसमें जूते के माध्यम से बिजली पैदा की जा सकेगी। इसमें इतनी बिजली होगी कि 10 वाट का एक एलईडी बल्ब रोशन हो जाएगा।

By sunil negiEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2016 10:21 AM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2016 11:12 AM (IST)
तैयार किए जादुई जूते, पहनकर चलने पर पैदा होगी बिजली

रुड़की, [रीना डंडरियाल]: आइआइटी रुड़की ने एक ऐसी तकनीक ईजाद की है जिसमें जूते के माध्यम से बिजली पैदा की जा सकेगी। मतलब बिजली चाहिए तो जूते पहनिए, चलिए और बिजली तैयार।

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के सेंटर ऑफ नैनो टेक्नोलॉजी और यांत्रिक एवं औद्योगिकी अभियांत्रिकी विभाग के सह प्राध्यापक कौशिक पाल और उनकी टीम ने इसे तैयार किया है। उन्होंने एक ऐसा नैनो जनरेटर (डिवाइस) ईजाद किया है, जिसे आसानी से जूते में लगाया जा सकता है। इस डिवाइस में पैर के दबाव से पैदा हुई ऊर्जा का संचय होगा। बाद में डिवाइस को एक तार की मदद से बैटरी से जोड़ दिया जाएगा। इसमें इतनी बिजली होगी कि 10 वाट का एक एलईडी बल्ब रोशन हो जाएगा।

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प्रयोग से उत्साहित सह प्राध्यापक कौशिक पाल बताते हैं कि डेढ़ गुणा ढाई इंच की इस डिवाइस पर मात्र 500 रुपये का खर्च आया है। अभी यह आरंभिक दौर में है। इसकी क्षमता को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। नैनो जेनरेटर के बारे में कौशिक पाल ने बताया कि नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर एक केमिकल की मदद से पॉलीमर एवं कार्बन का मिश्रण बनाया गया। इस पर एक विशेष टेप लगाई गई है और इसे एल्युमीनियम शीट से जोड़ा गया।

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इस नैनो जेनरेटर को फुटपाथ, साइकिल और वाहनों के टायर समेत ऐसे किसी भी स्थान पर लगाया जा सकता है जहां दबाव पड़े। दबाव से पैदा हुई यांत्रिक ऊर्जा (मेकेनिकल एनर्जी) डिवाइस में संचित हो जाती है। बाद में बैटरी के जरिये इसे बिजली में बदला जाता है। नैनो जेनरेटर पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त है। इसकी खासियत है कि ये सोलर एनर्जी से सस्ता और सुविधाजनक है।

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वजह यह कि सोलर एनर्जी के लिए धूप की जरूरत है, जबकि इसके लिए ऐसी कोई बाध्यता नहीं। क्षमता बढ़ाने पर शोध जारी शोध टीम की सदस्य नवजोत कौर के अनुसार इसकी क्षमता बढ़ाने पर शोध जारी है। इस सफलता के बाद अब एक डिवाइस से अधिक से अधिक कितनी मात्रा में ऊर्जा पैदा हो सकती है और उससे कितने वॉट तक की एलईडी कितने समय तक जल सकती है, इस पर प्रयोग जारी है।

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