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    हरिद्वार: 11 घंटे की मशक्‍कत के बाद आखिरकार घर से बाहर निकला तेंदुआ

    हरिद्वार के निर्मला छावनी स्थित एक घर में तेंदुआ घुस गया। इससे घर में मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। पिछले कई घंटों से वन विभाग की टीम तेंदुए को काबू करने का प्रयास कर रही है।

    By sunil negiEdited By: Updated: Sun, 19 Jun 2016 09:37 PM (IST)

    हरिद्वार, [जेएनएन]: 11 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार तेंदुआ वन विभाग की पकड़ में आ ही गया। लाल मिर्च का धुंआ कर कमरे से बाहर निकालने में वन विभाग की टीम को कामयाबी मिल गई। तेंदुआ पिंजड़े में कैद हो गया है और उसे चिडि़यापुर रेस्क्यू सेंटर ले जाया जा रहा है।

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    इससे पहले दिनभर नाटकीय घटनाक्रम चलता रहा। पढ़ें पूरा मामला-

    हरिद्वार में आज सुबह एक ऐसी घटना घटी, जिसे पढ़कर आप चौंक जाएंगे। जी हां, निर्मला छावनी क्षेत्र में एक किशोर ने जैसे ही अपने घर का दरवाजा खोला तो उसे पलंग पर तेंदुआ बैठा मिला। उसने शोर मचाकर सभी को सतर्क कर दिया और कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। गौरतलब है कि व्यापारी राजेंद्र जैन के घर में तेंदुआ घुस, उस समय उनकी बेटी आयुषी जैन कमरे में सो रही थी। वह पहले घबरा गई, लेकिन फिर उसने चादर से तेंदुए पर हमला कर दिया। हमला होता देख तेंदुआ दो कदम पीछे भी हटा, इसके बाद आयुषी ने एकदम ही तेंदुए के ऊपर चादर डाल दी। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तेंदुए को पकड़ने के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया।

    करीब दस घंटे बाद भी तेंदुआ पिंजरे में कैद नही किया जा सका है। पहले तेंदुआ बीच वाले कमरे में था, लेकिन अब तेंदुए को सबसे पहले वाले कमरे में पहुंचा दिया गया है। इसी कमरे के गेट पर विभाग ने पिंजरा लगाया हुआ है। वहीं अभी तक देहरादून से एक्सपर्ट की टीम भी नही पहुंची है, जिसके चलते को पहल नहीं की जा रही है।

    डीएफओ एचके सिंह ने बताया कि तेंदुआ भीड़ और शोर शराबे के कारण बाहर नहीं आ रहा है। रात तक तेंदुए के निकलने का इंतजार किया जाएगा। यदि रात तक तेंदुआ नहीं निकलता तो अगले दिन सुबह वन विभाग के एक्सपर्ट की टीम को बुलाकर तेंदुए को ट्रेंगुलाइज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजाजी पार्क की सीमा पास होने के कारण ही तेंदुआ आबादी क्षेत्र में आकर घुसा है।

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    वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तेंदुआ घायल है और लोगों के शोर के कारण बाहर आने से डर रहा है। ऐसे में तेंदुआ ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है, इसलिए किसी प्रकार की कौताही नहीं बरती जा रही है।

    तेंदुए को पकड़ने में वन विभाग की टीम के पसीने छूट गए हैं, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। कई घंटों से विभागीय कर्मचारी इसी मशक्कत में जुटे हैं। वहीं क्षेत्रवासियों में दहशत का माहौल है। क्षेत्रवासी डरे सहमे तेंदुए के जल्द पकड़े जाने की दुआ कर रहे हैं।
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    जानकारी के अनुसार, निर्मला छावनी निवासी राजेन्द्र जैन आज सुबह नौ बजे के करीब नहाने गया हुए थे। इस दौरान उन्होंने बाथरूम की खिड़की से घर के पीछे एक तेंदुए को देखा। उन्होंने अपने बेटे रजत जैन को आवाज लगा कर तेंदुए आने की बात बताई।


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    घर के बाहर मौजूद रजत ने जैसे ही घर के अंदर जाकर देखा तो कमरे में तेंदुआ पलंग पर बैठा था। इस पर उसने शोर मचा दिया और सभी को घर से बाहर निकलने के लिए कहा। इस पर सभी लोगों ने पीछे के कमरे से बाहर निकलकर दरवाजा बंद कर दिया।
    रजत ने आगे के कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। इससे तेंदुआ कमरे में ही कैद हो गया। सूचना पर पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने की जद्दोजहद में जुटी है।

    वहीं वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगाया गया है, साथ ही तेंदुए को बेहोश करने के लिए ट्रैंकुलाइजर गन भी मंगा दी गई है। रिहायशी इलाका होने के चलते हर प्रकार से सावधानी बरती जा रही है।

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    तेंदुआ घर में घुसा तो कमरे में सो रही थी आयुषी

    तेंदुए के सामने जहां अच्छे-अच्छों के कदम डगमगा जाते हैं, वहीं राजेंद्र जैन की बहादुर बेटी आयुषी जैन के कदम तेंदुए के सामने नहीं डगमगाए। उसने बहादुरी दिखाते हुए तेंदुए पर पहले तो चादर से हमला किया फिर उसके ऊपर चादर डालकर कमरे से बाहर निकलकर बाहर से कुंडी लगा दी।

    इससे जहां आयुषी ने खुदकी जान बचाई, वहीं पूरे परिवार को खतरे से बचा लिया। राजेंद्र जैन के बेटे ने भी चतुराई दिखाते हुए बाहर का दरवाजा बंद कर तेंदुए को कमरे में ही कैद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    निर्मला छावनी में व्यापारी राजेंद्र जैन के घर में तेंदुआ घुस गया, उस समय उनकी बेटी आयुषी जैन कमरे में सो रही थी। तेंदुआ उसके कमरे में पंलग के पास खड़ा था। जब परिवार वालों ने शोर मचाया तो आयुषी की आंख खुल गई। उसने पलंग के समीप गुलदार को खड़ा देखा।

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    तेंदए को देखकर पहले तो आयुषी घबरा गई, लेकिन उसने घबराने के बावजूद गुलदार का सामना करने से गुरेज नहीं किया। आयुषी ने तुरंत ही चादर को हाथ में पकड़कर पहले तो तेंदुए पर हमला किया। हमला होता देख तेंदुआ दो कदम पीछे भी हटा, इसके बाद आयुषी ने एकदम ही तेंदुए के ऊपर चादर डाल दी।
    मौका पाकर आयुषी कमरे से बाहर निकलकर दरवाजे से बाहर आ गई और कुंडी लगा दी। इसके बाद सभी लोग पीछे के रास्ते से बाहर की ओर आए और तेंदुए की सूचना आसपड़ोस के लोगों को दी। बहादुर बेटी आयुषी की बहादुरी की चर्चा दिनभर लोगों में रही।

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