उत्तराखंड के साढ़े 17 हजार गांव आज भी तरस रहे पानी को
प्रदेश के 17 हजार 577 मजरों (गांव) के लाखों लोग आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं। जिम्मेदार एजेंसियों के मुताबिक आगामी बीस साल तक भी इस समस्या से छुटकारा पाना संभव नहीं है।
देहरादून, [अंकित सैनी]: उत्तराखंड की प्यास बुझाने को पेयजल निगम, जल संस्थान, स्वजल व एडीबी विंग जैसी चार एजेंसियां सालों से काम कर रही हैं। बावजूद इसके स्थिति यह है कि प्रदेश के 17 हजार 577 मजरों (गांव) के लाखों लोग आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं। जिम्मेदार एजेंसियों की मानें की तो बजट की कमी के चलते अगले 20 साल में भी इन क्षेत्रों में पानी की समस्या खत्म होने के आसार नहीं हैं।
मानक के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति एक दिन में 40 लीटर पानी मिलना चाहिए। लेकिन, ये वो गांव हैं जहां 40 तो छोड़िए, 20 लीटर भी मिल जाए तो गनीमत। वह भी लोग जैसे-तैसे जुटा पाते हैं। आंकड़े देखें तो सबसे ज्यादा किल्लत पौड़ी जिले के 4732 मजरों में है, जबकि 3386 मजरों के साथ टिहरी दूसरे स्थान पर है।
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अब रही इन गांवों को पानी के संकट से निजात दिलाने की बात तो केंद्र सरकार ने यह जिम्मेदारी पेयजल निगम को सौंपी है। साथ ही एनआरडीडब्ल्यूपी (राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम) के तहत बजट की व्यवस्था की जानी है। निगम की मानें तो यहां पेयजल योजनाओं का निर्माण करने के लिए वर्ष 2030 तक प्रति वर्ष 700 करोड़ रुपये का बजट मिलना चाहिए।
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लेकिन, इस साल उन्हें सिर्फ 70 करोड़ रुपये ही जारी किए गए। इससे पता चलता है कि सरकार लोगों की परेशानी को लेकर कितनी संजीदा है।
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पेयजल निगम के मुख्य अभियंता प्रभात राज के मुताबिक एनआरडीडब्ल्यूपी के तहत इन क्षेत्रों में पेयजल योजनाओं का निर्माण होना है। लेकिन, बजट की भारी कमी के कारण समय से काम नहीं हो पा रहा। हम बजट की लगातार मांग कर रहे हैं।
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सोयी हुई है राज्य सरकार
केंद्र तो दूर, प्रदेश की सरकार भी इन साढ़े 17 हजार ग्रामीण मजरों को लेकर गंभीर नहीं है। यदि सरकार अपने स्तर से प्रयास करती तो कम से कम कुछ लोगों को तो राहत मिलती। लेकिन, काम करने के बजाए हर कोई अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर थोपने में जुटा है।
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कहां कितने क्षेत्रों में पेयजल संकट
जिला----------------ग्रामीण क्षेत्र
अल्मोड़ा---------------1843
बागेश्वर-----------------510
चमोली-----------------1627
चंपावत------------------622
देहरादून----------------1615
पौड़ी---------------------3286
हरिद्वार------------------311
नैनीताल------------------358
पिथौरागढ़---------------1136
रुद्रप्रयाग------------------868
टिहरी--------------------4732
ऊधमसिंहनगर-------------52
उत्तरकाशी----------------617
कुल--------------------17577
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