जानकर हैरान हो जाएंगे आप, तारे भी धड़कते हैं दिल की तरह
यह जानकर आप हैरान हो जाओगे कि दूर आसमान में चमकते तारे मनुष्य के दिल की तरह धड़कते हैं। उनके ठंडेपन से ऐसा होता है। ऐसे तारों को पल्सेशन स्टार कहा जाता है।
नैनीताल, [रमेश चंद्रा]: दूर आसमान में चमकते तारे भी हमारे आपके दिल की तरह धक-धक करते हैं। कुछ तारों (ग्रहों) का स्वभाव दिल की तरह स्पंदित होते रहने का है। ऐसे तारों को पल्सेशन स्टार कहा जाता है। यह खूबी उनके ठंडेपन की देन है।
इस तरह के ग्रहों पर शोध करने में आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) की 3.6 मीटर आप्टिकल दूरबीन सक्षम है। इससे ब्रह्मांड के कई अनुत्तरित प्रश्नों के जवाब खोजने की वैज्ञानिकों को उम्मीद है।
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तारे कई तरह का व्यवहार करते हैं। उन में जबर्दस्त विस्फोट होता है। क्वेजार व पल्सर को जन्म देते हैं और फुटबाल की तरह फूल पिचक भी सकते हैं। तारों में इंसान के दिल की धड़कन की तरह का व्यवहार भी होता है। ऐसा व्यवहार ठंडे तारों में होता है।
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सूर्य एक मध्यम गर्म तारा है जो न अधिक गर्म है और न ही ठंडा। सूर्य की गर्माहट के अनुसार वैज्ञानिक अन्य तारों के तापमान का पता लगाते हैं। परंतु स्पंदन का यह व्यवहार सूर्य से विशाल तारों में ही संभव है।
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हमारी आकाशगंगा में पल्शेसन करने वाले लाखों करोड़ों तारे हैं। इनका पता वर्ष 1960 के दशक में लग गया था। परंतु इस संदर्भ में अभी व्यापक रूप से शोध नही हो सके हैं।
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इससे इनके व्यवहार के कारणों को ठीक से पता नहीं चल सका है। इस संदर्भ में एरीज की एटीआइ में आयोजित वर्कशाप में थाइलैंड से आए वैज्ञानिक डॉ. डेविड ने मेकर्शियन ने तारों के पल्सेशंस के बारे में व्याख्यान दिया।
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कई तरह की जानकारी जुटाना अभी बाकी
आर्यभट्ट प्रेक्षण विझान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे का कहना है कि तारे अंतरिक्ष का महत्वपूर्ण पिंड हैं। इनके जन्म व अंत को लेकर रिसर्च जारी हैं। साथ ही विशाल तारों में होने वाली गतिविधि के बारे में कई तरह की जानकारियां जुटाना अभी बाकी है। इनके अध्ययन को लेकर एरीज की बीना वर्कशाप बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी।
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