पर्यटन मंत्री दिनेश धनै का इस्तीफे से इन्कार, इसे बताया साजिश और अफवाह
सत्तारूढ़ कांग्रेस और सरकार को समर्थन दे रहे प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट के रिश्तों में भरी तल्खी बढ़ती जा रही है। पीडीएफ कोटे से कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै फिर नाराज बताए जा रहे हैं।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: ज्यों-ज्यों विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, सत्तारूढ़ कांग्रेस और सरकार को समर्थन दे रहे प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट के रिश्तों में भरी तल्खी बढ़ती जा रही है। एक ओर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पीडीएफ के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, तो दूसरी तरफ पीडीएफ कोटे से कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै फिर नाराज बताए जा रहे हैं। चर्चा धनै द्वारा मंत्री पद से इस्तीफे तक की रही, लेकिन उन्होंने स्वयं इसे विरोधियों की साजिश और अफवाह करार दिया।
पीडीएफ ने उस वक्त कांग्रेस को समर्थन दे सूबे में सरकार बनाने में मदद की। जब वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस बहुमत तक नहीं पहुंच पाई। बसपा के तीन, उक्रांद के एक और तीन निर्दलीय विधायकों ने तब प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट बनाकर सरकार को समर्थन दिया।
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इसकी ऐवज में पीडीएफ को चार मंत्री पद मिले। निर्दलीय हरीश चंद्र दुर्गापाल व मंत्री प्रसाद नैथानी के अलावा बसपा से सुरेंद्र राकेश और उक्रांद से प्रीतम सिंह पंवार को मंत्री बनाया गया। वर्ष 2014 में कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन और हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने पर अमृता रावत को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया और उनकी जगह पीडीएफ के निर्दलीय विधेयक दिनेश धनै को मंत्री बना दिया गया।
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दरअसल, कांग्रेस की बजाए हरीश रावत द्वारा पीडीएफ विधायक धनै को मंत्री बनाना पार्टी के कई नेताओं को रास नहीं आया। अब जबकि धनै को मंत्री बने दो साल से ज्यादा समय हो गया, अब भी यह स्थिति बदस्तूर कायम है।
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गाहेबगाहे पीडीएफ के खिलाफ कांग्रेस के भीतर से विरोध के सुर फूटते रहे हैं। यहां तक कि स्वयं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्यक्ष तक पीडीएफ की मुखालफत कर चुके हैं। इस बीच कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै ने भी दबाव की रणनीति अख्तियार की। पिछले दिनों टिहरी में नर्सिंग कालेज के मामले में वह अपने तल्ख तेवर प्रदर्शित कर चुके हैं।
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सत्ता के गलियारों में एक बार फिर दिनेश धनै की नाराजगी और मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंपने की चर्चा चल निकली। बताया गया कि गढ़वाल मंडल विकास निगम में एक नियुक्ति को लेकर धनै ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष पद छोड़ने तक की पेशकश कर दी। हालांकि रात होते-होते स्वयं कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै ने इस तरह की चर्चा को कोरी अफवाह करार दिया।
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इसके बाद गत रात्रि टिहरी पहुंचे धनै ने जागरण से फोन पर बातचीत में कहा कि इस्तीफा या इस्तीफे की धमकी का कोई सवाल ही नहीं। उन्होंने कहा कि पता नहीं कौन इस तरह की अफवाह उड़ा रहा है। इसे विरोधियों की साजिश करार देते हुए उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों लोग उस पेड़ पर ही पत्थर मारने लगते हैं, जो फल देता है।
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