इस बार नवरात्र में बन रहे विशेष योग, राशि के अनुसार ऐसे करें पूजा
शारदीय नवरात्र एक अक्टूबर से शुरू हो रहे है। इस बार नौ के बजाय दस दिन के नवरात्र है। खास बात ये है कि आठ दिन तक राज, द्विपुष्कर, सिद्धि, सर्वार्थसिद्धी, अमृत आदि योग बन रहे है।
देहरादून, [जेएनएन]: शारदीय नवरात्र एक अक्टूबर से शुरू हो रहे है। इस बार नौ के बजाय दस दिन के नवरात्र है। खास बात ये है कि आठ दिन तक राज, द्विपुष्कर, सिद्धि, सर्वार्थसिद्धी, अमृत आदि योग बन रहे है। अभिजीत मुहूर्त धनु लग्न मे सुबह 11.42 से दोपहर 12.22 तक है, इसी मुहूर्त मे घटस्थापन करना शुभ है।
आचार्य संतोष खंडूड़ी ने बताया कि प्रतिपदा इस बार एक और दो अक्टूबर यानी दो दिन है। इसलिए इन दोनो दिनो मे मां के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाएगी। 10 अक्टूबर को नवमी पूजन होगा और 11 अक्टूबर को विजय दशमी पर्व मनाया जाएगा।
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ऐसे करे घटस्थापन
मिट्टी से वेदी बनाकर उसमे हरियाली के प्रतीक जौ बोएं। इसके बाद सोने, मिट्टी या तांबे के कलश पर स्वास्तिक बनाएं। पूजा गृह के पूर्वोलार भाग मे विधि-विधान के साथ कलश स्थापित करे। श्रीफल, गंगाजल, चंदन, सुपारी पान, पंचमेवा, पंचामृत आदि से शक्ति की आराधना करे।
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इनका लगाएं भोग
मां शैलपुत्री-आरोग्य जीवन को गाय का शुद्ध घी
मां ब्रह्मचारिणी-परिवार की सुरक्षा और खुशहाली के लिए शक्कर
मां चंद्रघंटा-दुखो से मुक्ति के लिए खीर
मां कूष्मांडा-ज्ञान मे वृद्धि के लिए मालपुआ या मीठी पूरी
मां स्कंदमाता-बेहतर स्वास्थ्य के लिए केला
मां कात्यायनी-सौदर्य बढ़ाने के लिए शहद
मां कालरात्रि-कष्टो को हरने के लिए गुड़
मां महागौरी-घर मे सुख-शांति के लिए नारियल
मां सिद्धिदात्रि-मृत्यु भय से छुटकारा पाने के लिए काले तिल
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राशियो के अनुसार ऐसे करे शक्ति की पूजा
मेष-चंदन, लाल पुष्प और सफेद मिष्ठान अर्पण करे।
वृष-पंच मेवा, सुपारी, सफेद चंदन, पुष्प चढ़ाएं।
मिथुन-केला, पुष्प, धूप से पूजा करे।
कर्क-बताशे, चावल, दही अर्पण करे।
सिंह-तांबे के पात्र मे रोली, चंदन, केसर, कपूर के साथ आरती करे।
कन्या-फल, पु्ष्प, गंगाजल मां को अर्पण करे।
तुला-दूध, चावल, चुनरी चढ़ाएं और घी के दिए से आरती करे।
वृषक-लाल, फूल, गुड, चावल और चंदन के साथ पूजा करे।
धनु-हल्दी, केसर, तिल का तेल, पीले फूल अर्पण करे।
मकर-सरसो का तेल का दिया, पुष्प,चावल, कुमकुम और सूजी का हलवा मां को अर्पण करे।
कुंभ- पुष्प, कुमकुम, तेल का दीपक और फल अर्पण करे।
मीन-हल्दी, चावल, पीले फूल और केले के साथ पूजन करे।
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इन मंत्रो का करे जाप
-या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:
-सर्वबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वित:, मनुष्यो मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय:
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