प्रमोशन के लिए ओलंपियन मनीष रावत को देना पड़ा नौकरी से इस्तीफा
रियो ओलंपिक में 20 किमी वॉक रेस 13 वां स्थान प्राप्त करने वाले उत्तराखंड पुलिस के धावक मनीष रावत को सब इंस्पेक्टर बनने के लिए पुलिस कांस्टेबल पद से इस्तीफा देना पड़ा।
देहरादून, [विकास गुसाईं]: रियो ओलंपिक में 20 किमी वॉक रेस 13 वां स्थान प्राप्त करने वाले उत्तराखंड पुलिस के धावक मनीष रावत को सब इंस्पेक्टर बनने के लिए पुलिस कांस्टेबल पद से इस्तीफा देना पड़ा। उन्हें अब उन्हें खेल नीति के तहत नए सिरे से पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर नियुक्ति दी जाएगी।
पुलिस मुख्यालय की ओर से उनकी पांच वर्ष की सेवा के समायोजन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। हालांकि, नीति में ऐसा कोई प्रावधान न होने के कारण इसके लिए नए सिरे से हल ढूंढा जा रहा है।
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रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले मनीष रावत का वापसी के बाद उत्तराखंड में लगातार सम्मान हो रहा है। इसी कड़ी में उन्हें पुलिस महकमे की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में सब इंस्पेक्टर बनाने की घोषणा की गई। इसे लेकर प्रक्रिया भी तेजी से शुरू की गई।
शासन में जब पत्रावली मंगाई गई तो पता चला कि खेल विभाग की ओर से जारी नीति में पदोन्नति का कोई प्रावधान है ही नहीं। खेल नीति में आउट ऑफ टर्न पदोन्नति नहीं, बल्कि नियुक्ति देने की बात कही गई है।
नीति में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए पदोन्नति की कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं है। इस पर काफी मंथन के बाद निर्णय लिया गया कि मनीष को सब इंस्पेक्टर बनाने के लिए पहले उनका इस्तीफा ले लिया जाए। ऐसे में वह विभागीय कर्मचारी नहीं माने जाएंगे। इसके बाद नए सिरे में आउट ऑफ टर्न सेवा के प्रावधान के अंतर्गत उन्हें सब इंस्पेक्टर पद पर नियुक्ति दे दी जाए।
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इस दौरान यह बात भी सामने आई कि नई नियुक्ति होने से मनीष की विभाग को दी गई पांच वर्ष की सेवा भी समाप्त हो जाएगी। इसके लिए यह व्यवस्था की गई कि मनीष से सर्शत इस्तीफा लिया जाए, जिसमें यह उल्लेख हो कि सब इंस्पेक्टर बनने पर उसकी पुरानी सेवाओं को भी जोड़ा जाए।
इसके बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से मनीष को सब इंस्पेक्टर पद पर नियुक्ति देने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया। सूत्रों की मानें तो इस प्रस्ताव के तहत मनीष को नौकरी तो मिल जाएगी, लेकिन उसकी पांच वर्ष की सेवाओं को बरकरार रखने के लिए नियमावली में संशोधन करना होगा। एडीजी प्रशासन राम सिंह मीणा ने मनीष के सशर्त त्यागपत्र देने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि खेल नीति के प्रावधान को पूरा करने के लिए यह किया गया है।
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नीति में करना होगा बदलाव
जानकारों की मानें तो खेल विभाग को इसके लिए नीति में बदलाव करना होगा। चूंकि खेल नीति समस्त विभागों के लिए है, इस कारण केवल पुलिस के लिए अलग व्यवस्था नहीं बनाई जा सकती। नए सिरे से सभी विभागों के लिए नीति में इसकी व्यवस्था करनी जरूरी होगी।
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