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    अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने तक शादी नहीं करेंगे ओलंपियन मनीष रावत

    By gaurav kalaEdited By:
    Updated: Sun, 28 Aug 2016 07:20 AM (IST)

    रियो ओलंपिक में पैदल चाल में 13 वें स्‍थान पर रहे उत्‍तराखंड के मनीष रावत ने ऐलान किया है कि जब तक वह अंतरराष्ट्रीय मेडल नहीं जीत लेते, शादी नहीं करेंगे।

    देहरादून, [जेएनएन]: रियो ओलंपिक में 13 वां स्थान हासिल करने वाले उत्तराखंड के धावक ओलंपियन मनीष रावत को पदक न जीत पाने का मलाल है। यह कसक इतनी गहरी है कि उन्होंने ऐलान कि 'मैं जब तक ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप या कोई अंतरराष्ट्रीय पदक नहीं जीत लेता, शादी नहीं करूंगा। मैं दृढ़ निश्चय के साथ आगे मेहनत करूंगा'।
    उत्तराखंड पुलिस के धावक मनीष दून पहुंचे तो प्रशंसकों ने उन्हें पलक पांवड़ों पर बिठाया। रियो ओलंपिक में 20 किमी वॉक में दुनिया के कई नामचीन धावकों को पीछे छोड़ 13वां स्थान हासिल करने वाले मनीष ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एक माह बाद वह नए सिरे से ट्रेनिंग शुरू करेंगे।

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    ट्रेनिंग कहां शुरू होगी, इसके बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। बकौल मनीष 'रियो में मेरा प्रदर्शन और बेहतर हो सकता था। क्योंकि, सुबह मौसम अच्छा था, बारिश हो रही थी, लेकिन दौड़ शुरू होने से ठीक पहले अचानक मौसम बदल गया और तेज धूप निकल गई। अचानक मौसम बदलने से काफी दिक्कत हुई।'
    साथ ही बताया कि जब वह रियो गए तो तब उनके मन में थोड़ा डर था, लेकिन अब आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है।
    16वें किमी में हुआ पेट दर्द
    मनीष बताते हैं कि 'जब दौड़ शुरू हुई तो 14 किमी तक मैं शीर्ष खिलाड़ियों में शामिल था। इसके बाद जैसे ही दौड़ 16वें किमी में पहुंची तो अचानक मेरे पेट में दर्द हो गया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था, लेकिन एक किमी तक मुझे पेट दर्द के कारण दिक्कत हुई। अब मुझे ऐसी परेशानियों से निपटने के लिए भी तैयारी करनी है'।

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    भारत तकनीक में 20 साल पीछे
    मनीष बताते हैं कि एथलेटिक्स खेलों में यूरोपियन देश तकनीकी में काफी आगे हैं। अभ्यास करने में जो तकनीक वे देश बीस साल पहले अपना रहे थे हम आज उसका सहारा ले रहे हैं।
    खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार के लिए हर बार प्रदर्शन को बेहतर करने और ग्रास रूट पर और ज्यादा काम करने की जरूरत है।
    अपना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाया
    मनीष ने बताया कि 'मेरा बेस्ट टाइम एक घंटा 19 मिनट 14 सेकेंड था, लेकिन रियो में मैने एक घंटा 21 मिनट 21 सेकेंड लिए। जबकि, मैं ओलंपिक विजेता से दो मिनट पीछे रहा। अब मुझे इस दो मिनट का अंतर कम करना है।'

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