Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पिता से एक कदम आगे बढ़े नए थलसेना प्रमुख विपिन रावत

    By Gaurav KalaEdited By:
    Updated: Mon, 19 Dec 2016 04:00 AM (IST)

    उत्‍तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्‍मे थलसेना के नए सेनाध्‍यक्ष विपिन रावत अपने पिता से एक कदम आगे निकल गए। पढ़ेें उनका पूरा प्रोफाइल।

    देहरादून, [विकास गुसाईं]: भारतीय थलसेना के नए प्रमुख ले. जनरल विपिन सिंह रावत ने अपने पिता के नक्शे कदम पर आगे बढ़ते हुए इस मुकाम को हासिल किया है। उनके पिता ले.जनरल लक्ष्मण सिंह रावत सेना में डिप्टी आर्मी चीफ पद से सेवानिवृत हुए हैं। बेहद शांत स्वभाव के माने जाने वाले अनुशासनप्रिय व शांत स्वभाव के माने जाने वाले ले. जनरल विपिन सिंह रावत को युद्ध प्रबंधन में निपुण माना जाता है। उन्होंने अपने पिता की तरह की सेना में अपना भविष्य चुना था।
    दिसंबर 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पासिंग आउट परेड में उन्हें स्वार्ड ऑफ ऑनर के प्रतिष्ठित एवार्ड से नवाजा गया। पहले इनका परिवार रुड़की में रहता था अब वे नोएडा शिफ्ट हो गए हैं।
    मूल रूप से उत्तराखंड पौड़ी जिले के ग्राम सैणा, ब्लॉक द्वारीखाल से संबंध रखने वाले जनरल रावत की सैन्य पृष्ठभूमि रही। उनके पिता सेना में अधिकारी थे तो उनकी माता टिहरी के प्रतिष्ठित वकील ठाकुर कृष्ण सिंह के परिवार से थी। उन्होंने आइएमए से कमीशन प्राप्त किया था। इस दौरान भी वे खासे अनुशासित थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें:-भारत-अमरीकी सैन्य अभ्यास: जमीनी जंग के बहाने सैनिकों की शारीरिक परीक्षा
    उन दिनों उनके इंस्ट्रक्टर रहे ब्रिगेडियर आरएस रावत बताते हैं कि जनरल रावत बेहद साधारण तरीके से रहते थे। वे बेहद ही मेहनती और अनुशासित थे। इसी कारण उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर का प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिला।
    आइएमए से पास आउट होने के बाद 11 वीं गोरखा रायफल की पांचवी बटालियन में अपनी ज्वानिंग दी थी। उनके पहली पोस्टिंग ही मिजोरम में हुई। उन्होंने इस बटॉलियन का नेतृत्व भी किया। इसी दौरान बटॉलियन को नार्थ ईस्ट की बेस्ट बटालियन चुना गया।
    उन्होंने मिशन इन द डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगों के मिशन-7 (एमओएनयूसी) में बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभालते हुए बेहतरीन काम किया। इसके लिए उन्हें फोर्स कमांडर्स कमांडेशन भी दिया गया।
    जनरल रावत कश्मीर घाटी में भी राष्ट्रीय रायफल्स और इंफ्रेंट्री डिवीजन की कमान भी संभाल चुके हैं। उन्हें अपने सेवाकाल के दौरान कई विशिष्ट सेवा पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और नेतृत्व पर कई लेख भी लिखे हैं जो विभिन्न जर्नल व प्रकाशनों में प्रकाशित हुए हैं। वे जनरल सुहाग की सेवानिवृति के बाद एक जनवरी को यह पदभार ग्रहण करेंगे।

    पढ़ें: पहाड़ के युवाओं को सेना भर्ती में मिल सकती है ये छूट, जानिए..
    प्रोफाइल:
    नाम: जनरल विपिन सिंह रावत
    पिता का नाम: ले. जनरल लक्ष्मण सिंह रावत (सेवानिवृत), डिप्टी आर्मी चीफ
    ग्राम: सैणा, डाडामंडी, ब्लॉक: द्वारीखाल, पौड़ी गढ़वाल
    शैक्षिक योग्यता: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से पीएचडी, डीएयू इंदौर से डिफेंस एवं मैनेजमेंट स्टडीज में एम. फिल, मद्रास यूनिवर्सिटी से स्ट्रेटिजिक एंड डिफेंस स्टडीज में एम. फिल। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से फिलॉस्फी में पीएचडी।
    पारिवारिक पृष्ठभूमि: माता जी टिहरी के विख्यात वकील ठाकुर कृष्ण सिंह के परिवार से
    अवार्ड: आइएमए से स्वार्ड ऑफ ऑनर के अलावा अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल समेत तमाम अन्य एवार्ड ।

    खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख अनिल कुमार धस्माना भी पौड़ी जिले के रहने वाले हैं। इससे राज्यवासी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) भी उत्तराखंड से ही हैं।

    पढ़ें: पाकिस्तानी रेंजर्स से मुठभेड़ में शहीद हुआ देहरादून का लाल

    comedy show banner
    comedy show banner