Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्‍तराखंड राज्‍य आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण 30 अप्रैल तक

    By Gaurav KalaEdited By:
    Updated: Sat, 17 Dec 2016 02:02 AM (IST)

    सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण के लिए लंबित आवेदन पत्रों के निस्तारण की अंतिम तिथि की समय सीमा बढ़ा कर 30 अप्रैल 2017 कर दी है।

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड सरकार ने चुनाव के मद्देनजर अब राज्य आंदोलनकारियों को साधने का प्रयास किया है। इस कड़ी में सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण के लिए लंबित आवेदन पत्रों के निस्तारण की अंतिम तिथि की समय सीमा बढ़ा कर 30 अप्रैल 2017 कर दी है। हालांकि, इस आदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें किस तिथि तक के लंबित आवेदन चिह्नीकरण के लिए लिए जाएंगे।
    राज्य आंदोलनकारी इस समय सरकारी सेवा में आरक्षण और पेंशन समेत तमाम मुद्दों पर आवाज बुलंद किए हैं। चुनावी दौर में सरकार राज्य आंदोलन को भावनात्मक रूप से छूने का प्रयास कर रही है, इस कारण सरकार आंदोलनकारियों को नाराज नहीं करना चाहती।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें: पांच हजार से ज्यादा शिक्षा प्रेरकों को हरीश सरकार का तोहफा
    सरकार ने कुछ समय पूर्व चिह्नित आंदोलनकारियों को पेंशन देने की घोषणा की थी और 21 आंदोलनकारियों को राज्य स्थापना दिवस के दिन पेंशन भी वितरित की। अब इस कड़ी में सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की तिथि बढ़ाने का निर्णय लिया है।
    प्रमुख सचिव गृह उमाकांत पंवार की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि पूर्व में राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण के लिए 31 मार्च 2014 तक समय सीमा तय की गई थी। अब इसे बढ़ाकर 30 अप्रैल 2017 किया जा रहा है। आदेश में यह भी कहा गया है कि भविष्य में आवेदन पत्रों के निस्तारण के लिए कोई तिथि नहीं बढ़ाई जाएगी।

    पढ़ें: देश में सबसे अधिक पेंशन देने वाला राज्य है उत्तराखंडः सीएम
    इस आदेश के बाद आंदोलनकारियों में उत्साह है तो असमंजस भी। दरअसल वर्ष 2013 में जिस आदेश के तहत चिह्नीकरण की अंतिम तिथि 31 मार्च 2014 की गई थी उसमें यह स्पष्ट किया गया था कि दिसंबर 2012 तक जो आवेदन आए हैं उन्हीं का निस्तारण किया जाएगा।

    पढ़ें: मेरे खिलाफ ऐसी बातें हो रही हैं, जो राजनीति शब्दकोष में नहीं: सीएम
    इस बार जारी शासनादेश में यह नहीं बताया गया है कि इसमें आवेदन कब तक स्वीकारे जाएंगे। हालांकि, इसका आशय यह निकाला जा रहा है कि अभी तक प्राप्त सभी आवेदन पत्रों पर सरकार विचार कर सकती है।

    पढ़ें: उत्तराखंड में संविदा पर लिए जाएंगे आउटसोर्स कर्मचारी
    अभी तक नहीं मिली पेंशन
    राज्य सरकार की ओर से सभी चिह्नित आंदोलनकारियों को 3100 रुपये पेंशन दिए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बकायदा शासन ने 18 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए हैं। बावजूद इसके प्रदेश में अभी तक राज्य स्थापना के दिन सम्मान पेंशन प्राप्त करने वाले आंदोलनकारियों के अलावा किसी को पेंशन नहीं मिल पाई है। इसका कारण अभी तक पुलिस मुख्यालय में जिलों से चिह्नित आंदोलनकारियों की सूची न पहुंचना बताया जा रहा है।

    पढ़ें: उत्तराखंड के चुनावी मौसम में हड़ताल की हवा सरकार पर हावी
    फैसले का स्वागत
    राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से राज्य के भीतर एवं दिल्ली समेत अन्य स्थानों के आंदोलनकारियों को चिह्नित किया जा सकेगा।

    पढ़ें: समाजवादी पार्टी पर सॉफ्ट दिखे मुख्यमंत्री हरीश रावत