उत्तराखंड में संविदा पर लिए जाएंगे आउटसोर्स कर्मचारी
उत्तराखंड कैबिनेट के प्रमुख फैसलों में संविदा कर्मियों को आउटसोर्स के जरिए रखा जाएगा। इसके अलावा गेस्ट टीचर्स के लिए भी नई व्यवस्था बनाने का निर्णय लिया गया है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड कैबिनेट ने प्रदेश के विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के तहत नियुक्त कर्मचारियों को संविदा पर लेने का निर्णय लिया है। आउट सोर्सिंग के तहत सीधी भर्ती के रिक्त पदों के सापेक्ष कार्य करने वाले कर्मियों की यदि आठ वर्ष की सेवा पूरी हो चुकी हो, तो उन्हें संविदा पर लिया जाएगा। इसकी कट आफ डेट 13 दिसबंर 2016 रखी गई है।
संविदा कर्मी के तौर पर उन्हें तीन साल तक मौजूदा वेतन ही दिया जाएगा। इसके अलावा गेस्ट टीचर्स के लिए भी नई व्यवस्था बनाने का निर्णय लिया गया है। अब पहले गेस्ट टीचरों को अल्पकालिक शिक्षकों के तौर पर रखा जाएगा। इसके बाद उनकी परफारमेंस देखी जाएगी तथा इसके बाद स्थायी नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा सरकार ने सातवें वेतन आयोग के लिए सब कमेटी बनाने का भी निर्णय लिया है।
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मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में देर रात तक सचिवालय में चली कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इसके तहत आउट सोर्सिंग के तहत विभिन्न विभागों में कार्य करने वालों को संविदा पर लेने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा सरकार ने गेस्ट टीचर्सं के लिए भी नई व्यवस्था बनाई है। इन्हें एलटी व प्रवक्ता पदों पर अल्पकालिक शिक्षक के तौर पर तीन वर्ष के लिए नियुक्ति दी जाएगी। तीन साल बाद इनके शैक्षिक क्रियान्वयन व परीक्षा परिणाम का आकलन किया जाएगा।
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बेहतर प्रदर्शन करने वालों को नियमित किया जाएगा। इसके लिए एलटी व प्रवक्ता नियमावली में भी संशोधन किया गया है। शिक्षा आचार्यों को शिक्षा मित्र बनाने के लिए भी कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी है। हालांकि इसके लिए पहले कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। कैबिनेट ने सरकारी विद्यालयों में तैनात भोजन माताओं को एक हजार रुपये वर्दी भत्ता देने का भी निर्णय लिया है।
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सरकार ने कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग देने का निर्णय लिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक सब कमेटी बनाई जाएगी। इसमें वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश व परिवहन मंत्री नवप्रभात को शामिल किया गया है। यह समिति सातवां वेतन आयोग समिति की रिपोर्ट पर अग्रिम निर्णय लेगी।
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कैबिनेट ने कारगिल शहीदों के बच्चों को मिल रही छात्रवृति को बरकरार रखने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार को 1.97 करोड़ रुपये चाहिए। कारपस फंड में अभी तकरीबन एक करोड़ रुपये कम हैं। यह धनराशि सरकार देगी। इसके अलावा कैबिनेट में गैरसैंण सड़क एवं अवस्थापना विकास निगम के गठन को भी मंजूरी प्रदान की गई।
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