केदारघाटी में नर कंकालों की तलाश को ब्लू प्रिंट तैयार, सभी सात ट्रेकिंग रूट पर चलेगा अभियान
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केदारनाथ घाटी क्षेत्र में नरकंकालों व अवशेषों को खोजने के लिए एसडीआरएफ को लगातार सघन सर्च आपरेशन चलाने के निर्देश दिए हैं।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केदारनाथ घाटी क्षेत्र में नरकंकालों व अवशेषों को खोजने के लिए एसडीआरएफ को लगातार सघन सर्च आपरेशन चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई कंकाल मिलता है तो उनका डीएनए कराते हुए पूरे विधिविधान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों के साथ कांबिंग अभियान का ब्लू प्रिंट तैयार किया। इसके तहत एसडीआरएफ विभिन्न चरणों में सघन काम्बिंग करेगी। पहले 25 अक्टूबर तक केदारनाथ के विभिन्न ट्रेक रूटों पर सर्च आपरेशन संचालित किया जाएगा। केदारघाटी में नरकंकालों की खोज, डीएनए सेंपलिंग व विधिवत अंत्येष्टि के लिए उपसेनानायक एसडीआरएफ प्रकाश चंद्र आर्य के नेतृत्व में केदारघाटी के सात ट्रेकिंग रूट पर टीमें सर्च आपरेशन संचालित करेंगी।
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इन सात ट्रेकिंग रूटों में 40 किमी का गरूड़चट्टी से गौरीगांव, 35 किमी का चैमासी से केदारनाथ, चार किमी का केदारनाथ-चैराबाड़ी ग्लेशियर, 20 किमी का कालीशिला से लिनचैली, 18 किमी का केदारनाथ से खतलिंग, 35 किमी का केदारनाथ से रासी व 30 किमी का तोसी से त्रिजुगीनारायण शामिल हैं।
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स्थानीय भौगोलिक परिवेश की जानकारी व पर्वतीय क्षेत्र में ट्रेकिंग में निपुणता होने के कारण माटा से 26, 27 व 28 अक्टूबर को स्थानीय लोगों के सहयोग से इन रूटों पर कांबिंग करने का अनुरोध किया जाएगा। इस दौरान एसडीआरएफ की राफ्टिंग टीम द्वारा नदी के किनारों पर सर्च आपरेशन संचालित किया जाएगा।
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दीपावली के बाद नवंबर माह में एक बार फिर एसडीआरएफ की ओर से केदारघाटी के विभिन्न क्षेत्रों में सघन कांबिंग की जाएगी। इसके बाद बर्फ पिघलने के बाद फिर से इस कांबिग अभियान को जारी रखा जाएगा।
बैठक में सचिव गृह व आयुक्त गढ़वाल मंडल विनोद शर्मा, पुलिस महानिदेशक एम.ए. गणपति, आईजी संजय गुन्ज्याल व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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