Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्‍तराखंड के कफनौल गांव में अतिवृष्टि, पांच परिवारों ने छत पर बिताई रात

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Fri, 08 Jul 2016 09:41 AM (IST)

    उत्‍तराखंड में बारिश से आफतों का दौर नहीं थम रहा। छह जुलाई को उत्‍तरकाशी जिले के कफनौल गांव में मूसलाधार बारिश हुई। डर के मारे लोगों को छत पर रात काटनी पड़ी। अगली सुबह बारिश रुकी।

    देहरादून, [जेएनएन]: मानसून के तेवर नरम हैं, मगर बादल कब कहां मुसीबत का सबब बन जाएं कहा नहीं जा सकता। उत्तराखंड में इन दिनों ऐसा ही है मौसम का मिजाज। उत्तरकाशी जिले की असी गंगा घाटी के कफनौल गांव में छह जुलाई की रात मूसलाधार बारिश ने ग्रामीणों की सांसें अटका दी। उफान पर आई नदी की बाढ़ का रुख गांव की तरफ होने पर पांच परिवारों ने पूरी रात घरों की छत पर बैठकर जान बचाई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कई घरों में मलबा भी आ घुसा। वहीं, चारधाम यात्रा भी प्रभावित हो रही है। बदरीनाथ व केदारनाथ राजमार्ग घंटों बाधित रहे। उधर, पिथौरागढ़ के बस्तड़ी गांव में मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है। दिन में बारिश होने से कुछ देर खोज एवं बचाव कार्य रोकना भी पड़ा। दूसरी ओर, मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आज राज्य में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।
    पढ़ें:-मलबे में समा गए, फिर भी नहीं छोड़ा साथ
    असी गंगा घाटी के कफनौल गांव में छह जुलाई की रात साढ़े आठ बजे से मूसलाधार वर्षा का सिलसिला शुरू हुआ। और देखते ही देखते गांव के पास से बह रही नदी ने विकराल रूप ले लिया। बाढ़ का रुख गांव की तरफ होने से ग्रामीण सकते में आ गए। बड़े पैमाने पर मलबा गांव के घरों में जा घुसा। इस दौरान नदी किनारे बसे पांच परिवारों ने पूरी रात घरों की छत पर बैठ कर जान बचाई। गढ़वाल मंडल के अन्य हिस्सों में सड़कों के खुलने व बंद होने का क्रम भी बना रहा।
    पढ़ें: उत्तराखंड में मानसून के तेवर पड़े नरम, बारिश और चटख धूप से बढ़ी दिक्कतें
    पिथौरागढ़ के आपदा प्रभावित बस्तड़ी गांव में बीते रोज सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसएसबी और पुलिस की टीम दिनभर खोज एवं बचाव कार्य में जुटी रही, लेकिन सफलता नहीं मिली। गांव के नौ लोग अभी भी लापता हैं। यही नहीं, आपदा प्रभावित इलाकों में मार्ग बंद होने से विद्यार्थी स्कूल नहीं जा पा रहे। तल्लाबगड़ मार्ग में सात दिनों से 25 वाहन फंसे हैं। इस क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं सहित खाद्यान्न का संकट भी पैदा होने लगा है। थल-बलतिर-अल्काथल मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से 14 गांव अलग-थलग पड़े हैं।

    पढ़ें:-पिथौरागढ़ में सड़क बही, 14 गांवों का संपर्क टूटा