Move to Jagran APP

मलबे में समा गए, फिर भी नहीं छोड़ा साथ

पिथौरागढ़ जिले के नौलड़ा-कुमालगौनी गांव पति की जान बचाने के लिए पत्‍नी और पुत्र दोनों कमरे में दौड़े। इतनी देरे में पूरा घर मलबे की चपेट में आ गया। तीनों उसमें दब गए।

By sunil negiEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2016 09:32 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2016 10:12 AM (IST)

थल, [जेएनएन]: बच्चीराम की जान बचाने को पत्नी पार्वती देवी व पुत्र मनोज कुमार खुद भी मलबे में दफन हो गए, लेकिन आखिरी सांस तक उनका साथ नहीं छोड़ा। जान बचाने को जंगल की ओर भाग रहे अन्य ग्रामीण भी यह दृश्य देख रहे थे, लेकिन सैलाब के सामने वह भी कुछ नहीं कर पाए।
यह वाकया है पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी और डीडीहाट तहसील की सीमा पर बसे पांच परिवारों वाले नौलड़ा-कुमालगौनी गांव का। जो 30 जून की मध्यरात्रि में बादल फटने के बाद मटियामेट हो गया। गांव के चार परिवारों के सदस्यों ने तो जंगल की तरफ भागकर जान बना ली, लेकिन बच्चीराम के पांव में तकलीफ होने के कारण वह भाग नहीं पाए। और..उन्हें बचाने की जुगत में पत्नी पार्वती देवी व पुत्र मनोज कुमार भी घर के भीतर ही मलबे में दफन हो गए। अलबत्ता, परिवार के अन्य तीन सदस्यों के दूसरे के घर में सोए होने के कारण उनकी जान बच गई।
बस्तड़ी गांव से नौलड़ा-कुमालगौनी की दूरी 50 किलोमीटर से अधिक है, जहां 30 जून की रात साढ़े बारह बजे यह आसमानी आफत टूटी। पहाड़ की तरफ से बादल फटने के कारण उफनते नाले ने गांव को अपनी चपेट में ले लिया। नाले का शोर सुन मात्र पांच परिवारों वाले इस गांव में अफरातफरी मच गई और चार परिवारों के सदस्यों ने जंगल की तरफ दौड़ लगा दी। जबकि, एक परिवार के सदस्य बच्चीराम, उनकी पत्नी पार्वती देवी और पुत्र मनोज कुमार घर के अंदर ही रह गए। जिसकी वजह बना बच्चीराम काएक पांव से कमजोर होना।

loksabha election banner

पढ़ें:-उत्तराखंड में आपदा का कहर, 39 दफन, 14 शव बरामद

पत्नी व पुत्र बच्चीराम को घर से बाहर निकालने की कोशिश कर ही रहे थे कि देखते ही देखते अन्य घरों को छूता हुआ सैलाब काल बनकर टूट पड़ा। और..चंद पलों में ही मकान जमींदोज हो गया और मलबे में दफन हो गए परिवार के तीनों सदस्य। यह दृश्य जंगल की तरफ दौड़ लगा रहे ग्रामीण भी देख रहे थे, लेकिन सैलाब के सामने कुछ नहीं कर पाए। गांव में 85 से अधिक मवेशी भी सैलाब की भेंट चढ़ गए। थल-मुनस्यारी मार्ग से लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित इस गांव की घटना का पता सुबह होने पर चला। गांव के मुनस्यारी तहसील में पड़ने के कारण सुबह 11 बजे एसडीएम वैभव गुप्ता प्रशासन की टीम के साथ वहां पहुंचे। लेकिन, तब तक..।
PICS: पिथौरागढ़ में बादल फटा, नौ की मौत
पड़ोस में सोए थे, इसलिए बच गई जान
बच्चीराम का सबसे बड़ा पुत्र मनोज कुमार माता-पिता के साथ काल के गाल में समा गया। लेकिन, दो पुत्र कमलेश व ललित और पुत्री निर्मला बाल-बाल बच गए। असल में ये तीनों गुरुवार रात पड़ोस के घर में सोए हुए थे। मध्यरात्रि को जब आपदा का कहर टूटा तो तीनों अन्य ग्रामीणों के साथ जंगल की तरफ भाग गए। यदि वे भी अपने ही घर में होते तो..।

पढ़ें- प्रशासन का दावा, हेमकुंड व बदरीनाथ यात्रा सुरक्षित


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.