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    उत्तराखंड में मानसून के तेवर पड़े नरम, बारिश और चटख धूप से बढ़ी दिक्कतें

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Thu, 07 Jul 2016 12:53 PM (IST)

    उत्तराखंड में मानसून के नरम पड़े तेवरों के बाद पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं बारिश और चटख धूप ने दिक्कतें बढ़ा दी हैं।

    देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में मानसून के नरम पड़े तेवरों के बाद पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं बारिश और चटख धूप ने दिक्कतें बढ़ा दी हैं। उत्तरकाशी के डोडीताल क्षेत्र में पांच जुलाई की रात हुई मूसलाधार बारिश से देवरा नदी पर बना अस्थायी पुल बहने से छह जुलाई को कोलकाता और दिल्ली के आठ पर्यटक फंस गए। सात घंटे बाद वन विभाग ने उन्हें वैकल्पिक मार्ग से सुरक्षित निकालने में कामयाबी पाई।

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    वहीं, चमोली जिले में पांडुकेश्वर के निकट लामबगड़ में पहाड़ी भारी मलबा हाईवे पर आ गिरा। हालांकि, वाहनों की आवाजाही बाद में सुचारू कर दी गई। चमोली व नंदप्रयाग के बीच मलबा आने से बाधित बदरीनाथ राजमार्ग पर भारी यात्री वाहनों की आवाजाही दूसरे दिन भी शुरू नहीं हो पाई। वहीं, पिथौरागढ़ के आपदा प्रभावित बस्तड़ी गांव में बचाव एवं राहत कार्य जारी है, लेकिन बुधवार को बचाव दलों को कोई सफलता नहीं मिल पाई। इस बीच मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आपदा प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने अंतिम लापता व्यक्ति का पता लगने तक खोजबीन कार्य जारी रखने के निर्देश दिए।
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    उत्तरकाशी के डोडीताल क्षेत्र में मंगलवार रात जोरदार बारिश के बाद देवरा नदी उफान पर आ गई। इसके चलते डोडीताल से लौट रहा पर्यटकों का दल बुधवार सुबह 11 बजे माझी के पास देवरा नदी पर बना अस्थायी पुल बहने से फंस गया। इन पर्यटकों में तीन कोलकाता और पांच दिल्ली के हैं। शाम करीब छह बजे वन विभाग की टीम ने इन सभी को वैकल्पिक मार्ग से सुरक्षित निकाला।

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    चमोली जिले में भी मंगलवार को ठीकठाक बारिश हुई, जिससे मार्गों के खुलने बंद होने का सिलसिला बुधवार को भी बना रहा। बीआरओ के कमांडर आर सुब्रह्म्ण्यम ने बताया कि बदरीनाथ राजमार्ग को जल्द ही बड़े वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। इस बीच चमोली के आपदा प्रभावित घाट क्षेत्र के जाखणी में लापता एक व्यक्ति का शव मंगलवार को बरामद हुआ। वहीं, पिथौरागढ़ के बस्तड़ी गांव में खोज दलों को बुधवार को कोई सफलता नहीं मिली। हालांकि, मलबे में दबे आधा दर्जन मवेशियों के शव निकाले गए। गांव में उठ रही भीषण दुर्गंध से खोज दलों को खासी परेशानी हो रही है। उधर, धूप खिलने के बाद बाद अब क्षेत्र में जमीन दरकने लगी है। कनालीछीना में भूस्खलन से एक होटल का पिछला हिस्सा धराशायी हो गया। कर्मचारियों ने जैसे-तैसे जान बचाई। थल के अलमियां गांव में मलबा आने से 200 भूमि में खड़ी फसलें बरबाद हो गई, जबकि बेरीनाग में एक घर ध्वस्त हो गया। उधर, मौसम विभाग के अनुसार गुरूवार को सूबे में कुछ स्थानों में हल्की से मध्यम वर्षा अथवा गरज के साथ बौछारें पडऩे की संभावना है।

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