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    उत्‍तराखंड के पूर्व सीएम 16 दिसंबर तक खाली करेंगे सरकारी आवास

    By gaurav kalaEdited By:
    Updated: Thu, 20 Oct 2016 05:30 AM (IST)

    नैनीताल हाई कोर्ट के सख्‍य रुख ने उत्‍तराखंड सरकार को बैकफुट में धकेल लिया है। सरकार ने प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्रियों जो सरकारी आवास की सुविधा ले रहे हैं, को नोटिस जारी किया है।

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: अदालत के सख्त रुख ने आखिरकार उत्तराखंड सरकार को बैकफुट पर जाने को मजबूर कर ही दिया। हाईकोर्ट में सुनवाई से कुछ घंटों पहले सरकार ने पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों एनडी तिवारी, भगत सिंह कोश्यारी, भुवनचंद्र खंडूड़ी, रमेश पोखरियाल निशंक और विजय बहुगुणा को नोटिस भेजकर सरकारी आवास खाली करने का फरमान सुना दिया।
    कब्जा छोड़ने के लिए सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को दो माह यानी 16 दिसंबर तक मोहलत दी गई है। उनसे किराए की वसूली भी होगी, लेकिन इसके लिए अलग से सूचित किया जाएगा।
    प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को मुफ्त मुहैया कराए गए सरकारी आवास के मामले में हीलाहवाली के प्रदेश सरकार के रुख पर अब रोक लग गई है। उत्तराखंड में उत्तरप्रदेश राज्य की भूतपूर्व मुख्यमंत्री आवास आवंटन नियमावली-1997 लागू है। इसके तहत ही उन्हें मुफ्त आवास की सुविधा दी जा रही थी।

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    पढ़ें: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास सुविधा समाप्त
    इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली अन्य सुविधाओं पर सरकार को रोक लगानी पड़ी थी। उत्तरप्रदेश की जिस नियमावली के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को उक्त सुविधा मिल रही थी, सुप्रीम कोर्ट एक अगस्त, 2016 को खारिज कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को दो माह के भीतर आवंटित सरकारी आवासों को रिक्त कर उसका कब्जा राज्य सरकार को हस्तगत करने और प्रत्येक पूर्व मुख्यमंत्री से उनको आवंटित आवास की तिथि से किराया वसूल करने के संबंध में आदेश पारित कर चुका है।
    नैनीताल हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्रियों को उक्त सुविधा देने के खिलाफ एक जन हित याचिका पर सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उक्त संबंध में लिए गए फैसले के बारे में अवगत कराने को कहा था।
    इससे दो दिन पहले राज्य सरकार ने आदेश जारी कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को दो माह के भीतर सरकारी आवास खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्रियों को 16 दिसंबर तक आवास खाली कर कब्जा राज्य संपत्ति विभाग के मुख्य व्यवस्थाधिकारी को देने को कहा गया है।
    नोटिस में ये भी कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित आवास के किराए का आगणन करते हुए वसूली के संबंध में अलग से सूचित किया जाएगा। अपर सचिव एवं राज्य संपत्ति अधिकारी विनय शंकर पांडेय की ओर से उक्त संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।

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    पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित हैं ये सरकारी आवास:
    एनडी तिवारी-अनंत वन, एफआरआई, कैंपस, लेन नंबर-01, वृक्षगढ़ रोड, देहरादून
    भगत सिंह कोश्यारी-17 न्यू कैंट रोड, देहरादून
    भुवनचंद्र खंडूड़ी-ए 01, यमुना कालोनी, देहरादून
    रमेश पोखरियाल निशंक-आर 04, यमुना कालोनी, देहरादून
    विजय बहुगुणा-पुराना भवन (ओल्ड बीजापुर हाउस), राज्य अतिथि गृह, बीजापुर, देहरादून

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    दैनिक जागरण ने छेड़ी थी व्यापक मुहिम
    दैनिक जागरण ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास समेत तमाम मुफ्त सुविधाओं के खिलाफ जन जागरण करते हुए आठ अक्टूबर, 2014 से 13 नवंबर, 2014 तक व्यापक मुहिम चलाई थी। इस मुहिम को युवाओं, छात्रों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, विशेषज्ञों समेत समाज के हर वर्ग का भरपूर समर्थन मिला।
    इस मुहिम का असर रहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी ने दो आवासों में से एक आवास लौटा दिया था। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने भी आवास को छोड़कर अन्य सुविधाएं लौटा दी थीं।
    वहीं, सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं के लिए पहले नियमावली पर मंत्रिमंडल की मुहर लगाई, बाद में इस नियमावली को वापस लेने को मजबूर होना पड़ा। इसके बाद सरकार ने आदेश जारी कर पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए सिर्फ सरकारी आवास की सुविधा रखी, अन्य सुविधाएं बंद की गईं। अब मुफ्त सरकारी आवास की सुविधा भी वापस ली गई है।

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