यहां शिक्षक संगठन नहीं, शिक्षा विभाग चलाने आया हूं: पांडेय
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि वेे शिक्षा विभाग में शिक्षकों को सुविधाएं देने नहीं बल्कि शिक्षकों की समस्याओं को हल और बच्चों का भविष्य देखने आए हैं।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: शिक्षा नियमावली व तबादला एक्ट को लेकर शिक्षक संगठनों की ओर से लगातार की जा रही बयानबाजी के बीच शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा है कि वे शिक्षक संगठन चलाने नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग चलाने आए हैं। उनकी प्राथमिकता बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना व शिक्षकों की समस्याओं को दूर करना है। उन्होंने कहा कि कोटीकरण की प्रक्रिया तकरीबन पूर्ण हो चुकी है और जल्द ही इसे सार्वजनिक कर सबसे सुझाव लिए जाएंगे। शिक्षा आचार्य को शिक्षा मित्र बनाने का प्रकरण कैबिनेट में लाया जाएगा।
शिक्षा विभाग में इन दिनों तबादला नियमावली बनाने का कार्य चल रहा है। इसका शिक्षक संगठन काफी विरोध कर रहे हैं। उनका यह तर्क है कि जब प्रदेश में तबादला कानून बन रहा है तो नियमावली का क्या औचित्य है। मंगलवार को सचिवालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि वे शिक्षा विभाग में शिक्षकों को सुविधा देने, शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण करने और 23 लाख बच्चों का भविष्य देखने आए हैं, न कि संगठन चलाने। हालांकि, तबादला कानून को लेकर उन्होंने किसी प्रकार की टिप्पणी करने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि यह कैबिनेट का विषय है।
कोटीकरण प्रक्रिया पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह कार्य अंतिम चरण में है। जल्द ही वे इसे सार्वजनिक कर जनता से सुझाव लेंगे। मकसद यह कि यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शी बन सके। भविष्य में इसे लेकर कोई शिकायत नहीं आए। उनकी मंशा साफ है कि जो 23 लाख बच्चे हैं, वे दिशाहीन न रहें। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि कोई ढूंढने निकले तो शिक्षा विभाग में कमियां ज्यादा व अच्छाई कम मिलेंगी। अच्छाइयां ढूंढने में खासा समय लग जाएगा। वे इन्हीं व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने आए हैं।
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