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    समस्याओं से हैरान मंत्री ने लगार्इ आला-अफसरों को फटकार

    By raksha.panthariEdited By:
    Updated: Sun, 17 Sep 2017 08:56 PM (IST)

    शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने विभाग में चल रही अव्यवस्थाओं को लेकर आला-अफसरों को जमकर फटकार लगार्इ। साथ ही कहा कि वे अब तो अपने दायित्वों के प्रति अब तो जागें।

    समस्याओं से हैरान मंत्री ने लगार्इ आला-अफसरों को फटकार

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: शिक्षकों के साथ ही शिक्षा महकमे के विभिन्न संवर्गों के कार्मिकों और अधिकारियों की समस्याओं के वर्षों से लंबित होने और इनसे संबंधित पत्रावलियों के बार-बार निदेशालय से लेकर शासन के बीच चक्कर काटने से हैरान शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय शिक्षा सचिव, महानिदेशक और निदेशक पर बरसे। तेवरों में तल्खी के साथ उन्होंने आला अफसरों को झकझोरते हुए कहा, 'दायित्वों के प्रति अब तो जगो। परिवार का मुखिया आपसे विभाग को ढर्रे पर लाने में सहयोग मांग रहा है।' 

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    विधानसभा स्थित सभाकक्ष में शनिवार को महकमे के आला अधिकारियों के साथ बैठक में शिक्षा मंत्री अपने मन की पीड़ा बार-बार जाहिर करने से नहीं चूके। इसकी वजह बार-बार उनके सामने आती भी रही। दरअसल, शिक्षा मंत्री ने सबसे पहले शिक्षकों की समस्याओं का प्रभावी तरीके से समाधान करने को कहा। बीते दिनों मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के साथ शिक्षकों की मांगों के संबंध में हुई बैठकों में बनी सहमति के बाद उन पर कार्यवाही की प्रगति मंत्री ने जाननी चाही। उन्हें बताया गया कि शिक्षकों की मांगों पर शासन स्तर पर कार्यवाही गतिमान है। मंत्री ने कहा कि जिन मांगों को मानने पर सहमति हो चुकी है, उन पर जल्द आदेश जारी किए जाएं। विभिन्न स्तरों पर सिर्फ कार्यवाही की बात सुनकर मंत्री असहज हो गए। 

    अफसरों का उभरा दर्द 

    उन्होंने बैठक में मौजूद विभागीय अधिकारियों से भी अपनी समस्याएं बताने को कहा। महकमे के पीईएस संवर्ग के अधिकारियों ने बताया कि वह संयुक्त निदेशक हैं, लेकिन अपर निदेशक पदों पर कार्यरत हैं। उन्हें भी प्रभारी प्रधानाचार्यों की तर्ज पर प्रभारी अपर निदेशक के रूप में तैनाती दी जाए। इस पर महानिदेशक आलोक शेखर तिवारी ने कहा कि पदोन्नति में शिथिलीकरण का शासनादेश हो चुका है, लिहाजा ऐसे मामलों में सम्यक विचार कर फैसला लेना उचित रहेगा। इस बीच डायट के वरिष्ठ प्रवक्ता के मूल पद पर कार्यरत एक अधिकारी ने कहा कि प्रथम नियुक्ति के पद पर ही वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत हैं। उन्हें पदोन्नति और एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन (एसीपी) का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

    वहीं एसडीआइ संवर्ग के अधिकारियों ने भी उनके संवर्ग की उपेक्षा का मुद्दा उठाया। एक अधिकारी ने कहा कि वह 1988 से एक ही पद पर कार्यरत हैं। इस संवर्ग के अन्य अधिकारी ने कहा कि संवर्ग के अधिकारियों की पदोन्नति का मामला सात वर्षों से लंबित है। शासन स्तर पर बार-बार पत्रावली का परीक्षण ही हो रहा है। विभाग में हर स्तर पर समस्याओं के अंबार और उनके निराकरण को लेकर हीलाहवाली से आहत मंत्री ने सभी अधिकारियों से आगे बढ़कर सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की कमेटी बनाकर मामलों का निस्तारण कराया जाएगा। शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट ने कहा कि उक्त लंबित मसलों की पत्रावली शीघ्र उनके सम्मुख लाई जाए। हफ्तेभर में उनका निस्तारण किया जाएगा। 

    वीडियो वायरल होने का दर्द 

    बैठक में शिक्षा मंत्री एक विद्यालय में उनके पूछे हुए गणित के सवाल को लेकर मचे बवाल और उसका वीडियो वायरल होने से आहत दिखे। उन्होंने अधिकारियों को भी नसीहत दी कि जो एपिसोड हुआ, उससे दिमाग पर बोझ डालने की जरूरत नहीं। उन्होंने यह साफ भी किया कि वह महिला शिक्षिका के गाइड-कुंजी से पढ़ाने से खफा थे। इसकी जानकारी उन्होंने विद्यालय के प्रधानाचार्य को भी दी थी। 

    मंत्री के सवाल को विधि, अफसर ने बताया सही 

    बैठक में शिक्षा मंत्री के सवाल के समर्थन में एक अधिकारी उठ खड़े हुए। उन्होंने मंत्री के सवाल पर मचे बवाल के लिए मीडिया पर ठीकरा फोड़ दिया। विधि अधिकारी पद पर कार्यरत उक्त अधिकारी ने कहा कि मंत्री जी ने सही सवाल पूछा था, लेकिन मीडिया ने उसे तोड़-मरोड़ के पेश किया। उन्होंने कहा कि बालिका विद्यालयों में बीड़ी, सिगरेट, गुटखा समेत अन्य मादक या धूमपान द्रव्यों के रैपर मिलने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए। 

    बंगला के 50 शिक्षक होंगे नियुक्त 

    शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऊधमसिंह नगर जिले में बंगला भाषा के बच्चे काफी संख्या में पढ़ते हैं। उन्होंने शिक्षा महकमे को बंगला भाषा शिक्षकों के 50 पद सृजित करने का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में रखने के निर्देश दिए। उन्होंने एनसीईआरटी की किताबें आगामी जनवरी माह तक बाजार में उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। 

    ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के कार्य को सराहा 

    हरिद्वार जिले में तैनात ज्वाइंट मजिस्ट्रेट मयूर दीक्षित की ओर से 20 सरकारी विद्यालयों में फर्नीचर मुहैया कराने और 200 विद्यालयों में फर्नीचर उपलब्ध कराने के लक्ष्य पर काम करने की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उक्त अधिकारी को सम्मानित किया जाएगा।

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