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    भ्रष्टाचार व घोटाले भाजपा के मुख्य चुनावी मुद्दे

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Wed, 05 Oct 2016 02:00 AM (IST)

    भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में सूबे की कांग्रेस सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल के तमाम घोटालों, भ्रष्टाचार आदि मुद्दों पर सरकार को निशाने पर लिया गया।

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: भारतीय जनता पार्टी की रुड़की में सोमवार से आरंभ दो दिनी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पेश राजनैतिक प्रस्ताव में आगामी विधानसभा चुनावों की छाप साफ नजर आई। राजनीतिक प्रस्ताव में सूबे की कांग्रेस सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल के तमाम घोटालों, भ्रष्टाचार, आपदा, वित्तीय अनियमितता, स्वास्थ्य एवं कानून व्यवस्था आदि मुद्दों पर सरकार को निशाने पर लिया गया।

    साथ ही, केंद्र सरकार की जन उपयोगी योजनाओं को सराहा गया। कार्यसमिति में पेश राजनैतिक प्रस्ताव ने साफ संकेत दे दिए हैं कि भाजपा ठीक 2007 की तरह इस बार भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और घोटालों को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है, तो भाजपानीत केंद्र की एनडीए सरकार की उपलब्धियों पर भी उसे जनादेश मिलने का भरोसा है।


    रुड़की में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक के पहले दिन राजनैतिक प्रस्ताव पेश किया गया। इसमें राज्य आंदोलन व राज्य निर्माण का श्रेय उत्तराखंड गठन के वक्त केंद्र की तत्कालीन भाजपा सरकार को दिया गया। राजनैतिक प्रस्ताव में कहा गया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त व भ्रष्टाचार में लिप्त रहे। यहां तक कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों विशेषकर केदारनाथ धाम, उत्तरकाशी व चमोली आदि में निर्माण व राहत कार्यों में धांधली की गई।

    सरकार ने अवैध खनन को बढ़ावा देकर राजस्व पर करोड़ों का चूना लगाया और खनन रोकने जा रहे अधिकारियों पर प्राणघातक हमले तक किए गए। राजनैतिक प्रस्ताव में आबकारी नीति पर भी सवाल उठाए गए। कहा गया कि किसानों के हितों पर कुठाराघात करते हुए मंडी को आबकारी का जिम्मा दिया गया। आरोप लगाया गया कि एक खास ब्रांड को बेचने के लिए करोड़ों की रिश्वत ली गई।

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    भाजपा ने अपने राजनैतिक प्रस्ताव में निर्माण कार्यों को लेकर भी सरकार को घेरने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना समेत तमाम कार्यों में कांग्रेसियों व उनके करीबियों को ही काम देकर टेंडर घोटाले करने का आरोप लगाया। कहा कि सरकार प्रदेश में अपनी निर्माण एजेंसियां होने के बावजूद बाहरी एजेंसियों को काम दे रही है।

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    मुख्यमंत्री के लगातार हवाई दौरों को भी भाजपा ने निशाने पर रखते हुए कहा कि सरकारी हेलीकॉप्टर होने के बावजूद अन्य एजेंसियों से सेवाएं लेकर प्रदेश को करोड़ों की चपत लगाई जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं पर भी भाजपा ने प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया। भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार विकराल होते डेंगू पर नियंत्रण करने में असफल रही।

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    भाजपा द्वारा सरकार पर वित्तीय आराजकता का भी आरोप लगाया। कानून व्यवस्था और बेरोजगारी के मसले पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा गया। भाजपा ने सरकार पर अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी कार्य करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की ओर से इनके विकास के लिए दिए गए 71 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देने की मुहिम को भी भाजपा ने चुनावी शिगूफा करार दिया। राजनीतिक प्रस्ताव में सरकार पर सरकारी कर्मचारियों की उपेक्षा व किसानों के हितों को नजरंदाज करने का भी आरोप लगाया गया। भाजपा ने इस प्रस्ताव के जरिए जनता से कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने और भाजपा को प्रदेश की सत्ता में लाने का आह्वान किया है।

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