इको सेंसिटिव को लेकर उपवास पर भाजपा ने सीएम को घेरा
भागीरथी इको सेंसिटिव जोन के मसले पर मुख्यमंत्री हरीश रावत के उपवास के ऐलान को लेकर भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता व प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता ने सवाल खड़े किए हैं।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: भागीरथी इको सेंसिटिव जोन के मसले पर मुख्यमंत्री हरीश रावत के उपवास के ऐलान पर सियासत गरमा गई है। इस मसले पर भाजपा ने पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है।
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी व प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने इसे लेकर मुख्यमंत्री पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि भागीरथी इको सेंसिटिव जोन की घोषणा मनमोहन सरकार के समय हुई थी।
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उन्होंने कहा कि उस समय मुख्यमंत्री हरीश रावत केंद्र में मंत्री थे, तब भी उन्होंने इसका विरोध नहीं किया। स्थानीय लोगों ने भी उनसे मिलकर इसका विरोध किया था, मगर हरीश रावत चुप्पी साधे रहे। इस बार भी जो मास्टर प्लान भेजा उसमें नियमों की अनदेखी की गई। मुख्यमंत्री को उपवास रखना ही है, तो वह क्षेत्रीय जनता से किए गए धोखे का प्रायश्चित करने के लिए रखें।
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भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि सरकार को इको सेंसिटिव जोन पर दो साल तक मास्टर प्लान देना था, वह नहीं दिया गया। तब तक हरीश रावत मुख्यमंत्री बन गए थे। अब वे राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्णय के खिलाफ ही धरना देने की बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जो मास्टर प्लान बाद में भेजा गया, वह भी केंद्र की ओर से दी गई गाईडलाइन के अनुसार नहीं था। यही वजह है कि उसे चाह कर भी स्वीकार नहीं किया जा सकता था। केंद्र की ओर से दिए गए निर्देशों में यह भी कहा गया था कि प्रभावितों से जनसुनवाई करने के पश्चात इसे तैयार किया जाए। क्या सरकार ने ऐसा किया। यही कारण है कि मास्टर प्लान औधे मुंह गिर गया।
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अब उपवास किसके खिलाफ कर रहे हैं। बेहतर यह होगा कि केंद्र में मंत्री और प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने प्रदेश की जनता के साथ जो धोखा किया, उसका प्रायश्चित करने के लिए उपवास करें। उन्होंने जोड़ा कि जब मुख्यमंत्री केंद्र में मंत्री थे तब प्रदेश के लिए कोई भी बड़ी योजना नहीं ला पाए। आज जब केंद्र सरकार प्रदेश को हजारों करोड़ की सहायता दे रही है तो उस पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने भी एक बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान मुख्यमंत्री को इसकी याद नहीं आई, तब वे तत्कालीन मुख्यमंत्री को हटाने के लिए गंगा किनारे भजन कीर्तन कर रहे थे। आज मुख्यमंत्री राज्य का ध्यान बांटने का असफल प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री बताएं कहां दी गई गालियां
भाजपा ने मुख्यमंत्री के उस बयान पर भी निशाना साधा है जिसमें मुख्यमंत्री ने भाजपा पर गाली गलौच का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा है कि सीएम कोई ऐसी दो गाली बताएं जो भाजपा ने उन्हें दी हैं। उन्होंने कहा कि सीएम कहते हैं कि दिल्ली वाले मेरी हत्या करना चाहते हैं। वहीं यह कहा जाए कि सरकार मेरी हत्या करना चाहती है तो इसमें अंतर क्या है। हम कहते हैं कि सरकार भ्रष्ट है। सरकार ने भ्रष्टाचार किया है। यदि मुख्यमंत्री को यह गाली लगती है तो यह बार-बार दोहराई जाएगी।
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