योगी के मेरठ दौरे में हंगामा, सुरक्षा घेरा टूटा और मंच की तरफ बोतलें फेंकी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मेरठ दौरे में दलितों ने हंगामा किया। योगी का सुरक्षा घेरा टूटा और मंच की तरफ बोतलें फेंकी गईं। ...और पढ़ें

मेरठ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मेरठ दौरे के दौरान खूब हंगामा हुआ। हापुड़ मार्ग पर अंबेडकर प्रतिमा पर योगी द्वारा माल्यार्पण न करने से नाराज शेरगढ़ी व आसपास के दलितों ने जमकर हंगामा किया और शराब ठेके में तोडफ़ोड़ की। भैंसाली ग्राउंड में सभा के दौरान मुख्यमंत्री का सुरक्षा घेरा टूटा। सभा के दौरान मंच की तरफ पानी की खाली बोतलें फेंकी गयीं। क्रांति दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री ने प्रथम स्वाधीनता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और स्वाधीनता संग्राम सेनानियों को सम्मानित किया।
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कई बार सुरक्षा घेरा टूटा, पोस्टर फाड़े
मेरठ के पीवीएस मॉल के निकट मुख्य मार्ग से सटे पार्क में अंबेडकर मूर्ति पर योगी द्वारा माल्यार्पण न करने से क्षुब्ध दलितों ने ने जमकर हंगामा काटा। योगी-मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाए और पोस्टर फाड़ दिये। कुछ ही दूर स्थित ठेका बंद कराने की मांग को लेकर कुछ लोगों ने उसमें तोडफ़ोड़ भी की। इसके चलते काफी देर तक अव्यवस्था बनी रही। भैंसाली ग्राउंड में सभा के दौरान कई बार मुख्यमंत्री का सुरक्षा घेरा टूटा। योगी के भाषण के दौरान दर्शक दीर्घा से दर्जनों बोतलें मंच की ओर उछाली गईं। आगे बेरीकेडिंग पर खड़े लोगों के न बैठने से क्षुब्ध लोगों ने कई बोतल सुरक्षा के लिए बने डी घेरे तक फेंक दीं। जैसे ही योगी मंच से उतरकर आगे बढ़े तो पुलिस व्यवस्था को धता बताते हुए सैकड़ों लोग उनके पास पहुंच गए। किसी तरह कमांडो भीड़ से बचाकर उन्हें गाड़ी तक ले गए और फिर काफिला निकला। यह सब तब हुआ जब मौके पर कप्तान, डीआइजी, आइजी समेत तमाम अफसर मौजूद थे।
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बहू-बेटियों से छेड़खानी बर्दाश्त नहीं
मेरठ क्रांतिधरा पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून का राज स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है। बहू-बेटियों की हिफाजत के लिए ही एंटी रोमियो स्क्वॉड गठित किया। छेडख़ानी और कानून हाथ में लेने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा, लेकिन विभाजन का कारण बने तुष्टीकरण को किसी हाल में नहीं पनपने देंगे। अपराधी, समाजविरोधियों से पुलिस-प्रशासन निपटे और समाज भी इसमें सहयोग करे। भैंसाली ग्राउंड में हुई जनसभा में सरकार की मंशा और कार्यशैली को फिर स्पष्ट किया। बोले, पश्चिमी उप्र से सर्वाधिक शिकायतें आती थीं कि बहुएं बाहर निकलने से झिझकती हैं और बेटियां स्कूल जाने से डरती हैं। इससे निपटने के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड गठित किया।
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अब व्यवस्था का संपूर्ण परिवर्तन
योगी ने कहा कि प्रदेश में राजनीतिक परिवर्तन तो हो चुका, अब व्यवस्था का संपूर्ण परिवर्तन करना है। जाति, पंथ, मजहब के आधार पर कोई भेदभाव का शिकार नहीं होगा लेकिन समाज में विभाजन के कारण बने तुष्टीकरण को भी नहीं पनपने देंगे। प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा हो, ताकि विकास की रफ्तार बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा, मोदी की नीति 'सबका साथ सबका विकास', 'नेशन फस्र्ट' और 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की विचारधारा पर ही उप्र आगे बढ़ रहा है। कहा कि एनजीटी के मानक और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अवैध कमेलों को बंद कराया गया है। प्रशासन भविष्य में भी इसका विशेष ध्यान रखे।
शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि
क्रांति दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री ने शहीद सेनानियों को श्रद्धांजलि दी और सेनानियों को सम्मानित किया। योगी ने सभा के बाद कमिश्नरी सभागार में मंडलीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों की क्लास ली। डीएम को कांवड़ पटरी मार्ग पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। योगी सुबह 9.25 बजे हेलीकॉप्टर से खरखौदा में उतरे। यहां गेहूं क्रय केंद्र का दौरा किया फिर शेरगढ़ी की मलिन बस्ती और मेडिकल कालेज का। यहां से प्रथम स्वाधीनता संग्राम की जन्मस्थली काली पलटन मंदिर पहुंचकर माथा टेका और शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। दोपहर बाद 3.10 बजे राजकीय विमान से वे लखनऊ लौट गए।
धोएंगे गंदगी का दाग
स्वच्छता सर्वे में उप्र की बदतर तस्वीर की टीस भी योगी के चेहरे पर दिखी। बोले, नई रेटिंग में शीर्ष-100 में प्रदेश का केवल एक और नीचे से इस सूची में 52 शहर शामिल हैं। भले ही सर्वे पिछली सरकार के कार्यकाल का है, लेकिन हमें तस्वीर बदलनी होगी। प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को आत्मसात करना होगा, क्योंकि स्वच्छता ही स्वास्थ्य और समृद्धि की गारंटी है। उन्होंने अपील की कि स्वच्छता अभियान में स्कूल, कालेज, एनजीओ, सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक संगठन भागीदारी कर इस कलंक को धो दें। प्लास्टिक का इस्तेमाल भी बंद करें।
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एजेंडे में किसान सबसे ऊपर
योगी बोले, हमारा पहला लक्ष्य किसानों का हित है, इसलिए क्रय केंद्रों पर विशेष ध्यान है। हालांकि, पश्चिम के किसान काफी आगे हैं लेकिन विकास की धार और तेज करनी होगी। किसानों से 487 रुपये के भाव पर चार एजेंसियों को आलू खरीद का जिम्मा सौंपा है। गड़बड़ी की शिकायत पर कार्रवाई होगी। गन्ना किसानों के बारे में कहा कि पहली सरकार है जिसने एक महीने में 6200 करोड़ रुपये भुगतान किया। बाकी भुगतान भी 120 दिन में हो जाएंगे।

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