अब घर तक ई-टिकट पहुंचाएगा आइआरसीटीसी
ई-कॉमर्स की तर्ज पर अब भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) ने रेल यात्रियों के लिए पे ऑन डिलीवरी सुविधा शुरू की है।
लखनऊ (जेएनएन)। ई-कॉमर्स की तर्ज पर अब भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) ने रेल यात्रियों के लिए पे ऑन डिलीवरी सुविधा शुरू की है। आइआरसीटीसी ने अपनी वेबसाइट और मोबाइल एप पर पे ऑन डिलीवरी विकल्प बनाया है। इसका चयन करने पर ऑनलाइन ई टिकट बुक कराने पर पांच दिनों के भीतर उसकी डिलीवरी यात्री के घर पर होगी। टिकट की डिलीवरी मिलने पर उसका भुगतान कार्ड और कैश दोनों माध्यम से किया जा सकेगा। यह व्यवस्था देश के चार हजार पिन कोड से जुड़े 600 शहरों के कई हिस्सों में उपलब्ध होगी। यात्रियों को पांच हजार रुपये तक का टिकट बुक कराने पर 90 रुपये और इससे अधिक मूल्य के टिकट बनाने पर 150 रुपये डिलीवरी चार्ज और साथ में सर्विस टैक्स देना होगा।
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देश में प्रतिदिन औसतन 10 लाख आरक्षित श्रेणी के टिकट बनते हैं, जिसमें आइआरसीटीसी की वेबसाइट से ही साढ़े पांच से छह लाख टिकट रोजाना बुक हो रहे हैं। ऑनलाइन टिकट बुक कराते ही जहां यात्रियों के क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान कट जाता है। वहीं कई बार भुगतान होने के बाद भी तत्काल कोटे के टिकट न बनने की शिकायत भी रेलवे को मिल रही हैं। इसे देखते हुए आइआरसीटीसी ने यात्रियों को वेबसाइट और एप पर टिकट बुक कराने पर टिकट घर तक पहुंचाने और तब ही उसका भुगतान करने की सुविधा देने का निर्णय लिया है। पे ऑन डिलीवरी विकल्प जरिए यात्री स्वयं या फिर किसी अधिकृत ट्रैवल एजेंट से भी बुक करा सकेंगे।
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इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि यात्रियों को अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड के भुगतान के बाद होने वाले टप्पेबाजी का शिकार नहीं होना पड़ेगा। इस एप पर यात्री को अपना पता पंजीकृत कराने के लिए एक बार पंजीकरण कराना होगा, जिसमें आधार कार्ड या पैन कार्ड का नंबर देना होगा। टिकट पांच दिन के भीतर घर पहुंचेगा। घर पर टिकट लेने से मना करने पर यात्रियों को उसका निरस्तीकरण शुल्क और डिलीवरी चार्ज देना होगा। टिकट मंगवाकर उसका भुगतान न करने वाले यात्रियों की आइडी को आइआरसीटसी बंद कर देगा। आइआरसीटीसी लखनऊ के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया कि यह सुविधा यात्रियों को बिना जोखिम के घर तक टिकट मुहैया कराने के लिए शुरू हो रही है।
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