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    मुजफ्फरनगर में छात्राओं के कपड़े उतरवाने वाली वार्डन की सेवा समाप्त

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Fri, 31 Mar 2017 10:20 PM (IST)

    बीएसए ने पांच सदस्यीय टीम बनाकर जांच बैठा दी थी। जांच समिति की रिपोर्ट में दोषी पाये जाने पर शुक्रवार को बीएसए चन्द्रकेश यादव ने वार्डन सुरेखा तोमर की संविदा समाप्त कर दी।

    मुजफ्फरनगर में छात्राओं के कपड़े उतरवाने वाली वार्डन की सेवा समाप्त

    जागरण संवाददाता, खतौली: कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में छात्राओं के कपड़े उतरवाने के मामले में दोषी पाए जाने पर वार्डन सुरेखा तोमर को बीएसए ने संविदा समाप्त कर सेवा समाप्त कर दी। उधर डीएम ने आरोपी वार्डन के खिलाफ मजिस्ट्रीयल जांच बैठा दी है। जांच एसडीएम सदर रेनू ¨सह को सौंपी गई है। गांव ¨तगाई स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में रविवार को दीवार पर खून के धब्बे और शौचालय चोक होने का कारण जानने के लिए वार्डन ने विद्यालय की तीस छात्राओं के कपड़े उतरवाकर चे¨कग की थी। इसके विरोध में बुधवार को अभिभावकों ने हंगामा किया था।

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    बीएसए ने पांच सदस्यीय टीम बनाकर जांच बैठा दी थी। जांच समिति की रिपोर्ट में दोषी पाये जाने पर शुक्रवार को बीएसए चन्द्रकेश यादव ने वार्डन सुरेखा तोमर की संविदा समाप्त कर दी। नगर शिक्षा अधिकारी ने वार्डन को संविदा समाप्ति के आदेश की प्रति रिसीव कराई और वार्डन का चार्ज स्कूल की शिक्षिका नीता चौधरी को दे दिया। बीएसए चन्द्रकेश यादव ने इस बेहद शर्मनाक मामले पर अफसोस जताया। साथ ही नयी वार्डन व स्टाफ को छात्राओं से अशोभनीय व्यवहार और अभद्रता करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।

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    एबीएसए सतीश कुमार शर्मा ने विद्यालय की छात्राओं और अभिभावकों को समझाया कि सभी को सिर्फ वार्डन के व्यवहार से शिकायत थी। उसे स्कूल से निकाल दिया गया है। छात्रा रीना, इन्दू, बबली व काजल आदि ने मीडिया को बताया कि सुरेखा मैडम का व्यवहार सही नहीं था। वह बात-बात पर डांटती थीं। अब वे अच्छे माहौल में पढ़ सकेंगी और रह सकेंगी। अधिकांश अभिभावक छुट्टी मनाने के लिए छात्राओं को घर ले गए।

    विद्यालय में कुल 87 छात्राएं हैं। खूब रोई दोनों वार्डन संविदा समाप्त होने पर वार्डन सुरेखा खूब रोई। कहा कि विद्यालय में अनुशासन बनाए रखने का फल उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोकर चुकाना पड़ा। नीता चौधरी भी वार्डन का चार्ज संभालने के बाद खूब रोयीं। उन्होंने विद्यालय में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। नीता ने कहा कि उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती अब विद्यालय की गिरी साख को पुन: स्थापित करने और घर जा चुकी छात्राओं को पुन: विद्यालय में लाने की होगी।

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