Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    BJP Organization: कोई नहीं जानता अमित शाह के बाद भाजपा अध्यक्ष कौन

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sun, 30 Jul 2017 10:43 PM (IST)

    मेरे बाद भाजपा का अध्यक्ष कौन ? इस पर खामोशी छा गई। खुद बोले कि कोई नहीं जानता अमित शाह के बाद भाजपा अध्यक्ष कौन होगा। भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र की वज ...और पढ़ें

    Hero Image
    BJP Organization: कोई नहीं जानता अमित शाह के बाद भाजपा अध्यक्ष कौन

    लखनऊ (जेएनएन)। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह रविवार शाम बुद्धिजीवियों से सवाल-जवाब के अंदाज में रूबरू हुए। मकसद 2019 में भाजपा के लिए माहौल बनाना रहा लेकिन कांग्रेस और भाजपा के साथ तुलना कर उन्होंने राजनीतिक दलों के आंतरिक लोकतंत्र की बात उठाई। बहुत सलीके से पूछा-सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा? जवाब मिला-राहुल गांधी। फिर उन्होंने पूछा मेरे बाद भाजपा का अध्यक्ष कौन होगा? इस पर खामोशी छा गई। खुद बोले कि कोई नहीं जानता अमित शाह के बाद भाजपा अध्यक्ष कौन होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: सपा-बसपा करा रही संगठित अपराध,शीघ्र होगी बड़ी कार्रवाई: साक्षी महाराज

    लखनऊ में भाजपा द्वारा आयोजित प्रबुद्ध वर्ग समागम में वह शिक्षाविदों, अधिवक्ताओं, सेवानिवृत्त नौकरशाहों, चिकित्सकों, उद्योगपतियों, साहित्यकारों और अन्य प्रबुद्धजनों से मुखातिब थे। अपनी पार्टी का परिचय कराने के बहाने उन्होंने बात शुरू की और आगाह भी किया कि अक्सर लोग राजनीति में पार्टी चयन में गलती कर जाते हैं। फिर उन्होंने आजादी की लड़ाई में कांग्रेस के उदय, बाद में जनसंघ की स्थापना, जनता पार्टी में जनसंघ के विलय और भारतीय जनता पार्टी के अस्तित्व में आने के मकसद के साथ पूरी बात रखी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है जबकि भाजपा आंतरिक लोकतंत्र के चलते देश की 1650 राजनीतिक पार्टियों से अलग है। कहा, कुछ गिनी-चुनी पार्टियों में ही आंतरिक लोकतंत्र बचा है। अमित शाह ने अध्यक्ष के चयन का सवाल उठाकर कांग्रेस में परिवार और परंपरा के तंत्र को दर्शाया तो दो टूक कहा कि भाजपा में जिसका निर्मल चरित्र होगा और जो संगठन के लिए समर्पित होगा, उसे ही अध्यक्ष बनने का अवसर मिलेगा। शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण दिया। कहा, यह भाजपा में ही संभव है कि एक चाय बेचने वाले के बेटे को दुनिया के सबसे बड़े देश का प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला। शाह ने कहा कि जब आंतरिक लोकतंत्र नहीं होता तो पार्टी जातियों और परिवारों की पार्टी बन जाती है। उन्होंने इस संदर्भ में समाजवादी पार्टी की चुटकी भी ली। 

    यह भी पढ़ें: हिस्ट्रीशीटर रमेश सिंह काका की 68.32 लाख की संपत्ति सीज

    भाजपा कभी अपने नेता का अस्थिकलश लेकर नहीं गई 

    अमित शाह ने कहा कि आजादी का पूरा यश कांग्रेस के खाते में गया था लेकिन, प्रधानमंत्री बनने के बाद पंडित नेहरू की नीतियां प्रासंगिक नहीं थी। कांग्रेस नवनिर्माण करना चाहती थी और भाजपा अपनी पुरातन परंपराओं के साथ पुनर्निर्माण की हिमायती थी। तब कांग्रेस में भ्रष्टाचार नहीं था लेकिन, विचार दो हो गए। श्यामा प्रसाद मुखर्जी की अगुआई में जनसंघ की नींव पड़ी और हमारी पार्टी अंत्योदय के विकास का मॉडल लेकर आगे बढ़ी। उन्होंने कहा कि नीतियों और सिद्धांतों का ही अंतर है कि भाजपा कभी अपने नेता का अस्थि कलश लेकर नहीं गई। जनसंघ से भाजपा की यात्रा तक जो भी आंदोलन हुए वह किसी व्यक्ति के लिए नहीं हुए। 

    यह भी पढ़ें: अमित शाह के लखनऊ में कदम पड़ते ही अवध की राजनीति में उथल-पुथल

    पांच वर्ष में उप्र बीमारू राज्यों से मुक्त होगा 

    अमित शाह ने देश में चार तरह की सरकारों का उदाहरण दिया। कहा, पहले तो कांग्रेस की ही देश और राज्यों में सरकारें रहीं। दूसरी कम्युनिस्ट पार्टी और तीसरी सपा, बसपा और राजद जैसी क्षेत्रीय पार्टियों की सरकारें रहीं। शाह ने कहा कि जहां-जहां इनकी सरकारें रहीं, वहां-वहां विकास ठप हो गया। लेकिन, भाजपा की सरकार ने विकास की गति दोगुनी कर दी। शाह ने भरोसा देते हुए कहा कि भाजपा सरकार योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पांच वर्ष में उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य से मुक्त कर देगी। बुद्धिजीवियों से इंटनेट पर सभी राज्यों के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन करने की अपेक्षा की। कहा कि भाजपा की उपलब्धि आश्चर्यजनक है। उदाहरण दिया कि 1980 में वित्तीय अव्यवस्था के चलते देश के बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश बीमारू राज्य हो गए। शाह ने कहा कि जहां- जहां भाजपा की सरकार बनी वहां विकास होता है लेकिन, जहां भाजपा की सरकार नहीं होती वहां घोटाला, घपला, परिवारवाद, सीएम बनने के लिए झगड़े होते हैं। उन्होंने 2019 के लिए आगाह करते हुए मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। शाह ने सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर मोदी शासन में चालू की गई 106 योजनाओं की चर्चा की। 

    यह भी पढ़ें: जय श्रीराम के नारों के साथ अमित शाह का भव्य स्वागत

    तो उप्र का सचिवालय नवाब के हाथ चला जाता 

    शाह ने कहा कि सरकार ने शत्रु संपत्ति काननू नहीं बनाया होता तो योगी जी जिस सचिवालय से सरकार चलाते हैं वह सीतापुर के नवाब के हाथ चला जाता। उन्होंने कहा कि उप्र सरकार का ट्रांसफार्मर जल गया था इसलिए केंद्र की योजनाएं संचालित नहीं होती थीं। अब आपने ट्रांसफार्मर बदल दिया है तो विकास होना तय है।