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    मायावती के बाद अखिलेश यादव ने भी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Sat, 02 Dec 2017 06:02 PM (IST)

    नगर निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी की बुरी शिकस्त का ठीकरा एक बार फिर ईवीएम पर फोड़ा जा रहा है। अखिलेश ने भी ट्वीट कर हार के लिए अप्रत्यक्ष रूप से ईव ...और पढ़ें

    मायावती के बाद अखिलेश यादव ने भी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा

    लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में मेयर की सीट पर खाता खोलने में नाकाम अखिलेश यादव ने भी हार का ठीकरा ईवीएम पर ही फोड़ा है। इससे पहले आज बसपा की मुखिया मायावती ने भी ईवीएम पर संदेह जताया था। हालांकि बसपा ने पहली बार सिंबल के साथ निकाय चुनाव में उतरने के बाद मेयर की दो सीट जीती है। 

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    उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी की बुरी शिकस्त का ठीकरा एक बार फिर ईवीएम पर फोड़ा जा रहा है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर हार के लिए अप्रत्यक्ष रूप से ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया है।

    अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा है, जिन जगहों पर बैलट पेपर से मतदान हुए वहां बीजेपी सिर्फ 15 प्रतिशत सीट ही जीत सकी है, जबकि ईवीएम से हुए मतदान वाली जगहों पर बीजेपी का जीत प्रतिशत 46 है। अखिलेश के इस ट्वीट पर उन्हें काफी ट्रोल भी किया जा रहा है। हालांकि अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के जीत का प्रतिशत नहीं बताया है।

    निकाय चुनाव के बाद आज लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के साथ प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने मीडिया को संबोधित किया। चौधरी ने कहा कि भाजपा नगर निकाय चुनाव में बड़ी जीत का दावा कर लोगों को गुमराह कर रही है और गलत जीत का जश्न मन रही है।

     

    चौधरी ने कहा कि भाजपा मतदाताओं को गुमराह कर रही है और सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रही है। इस संबंध में पार्टी ने चुनाव आयोग और राज्यपाल को लिखित शिकायत की है।

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    उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से लोगों के नाम गायब थे। अब तो चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल बंद होना चाहिए। चौधरी ने कहा कि हमारे अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को उठाया है और लिखित में शिकायत की है। चौधरी ने कहा कि जिस बड़ी जीत का भाजपा दावा कर रही है वह गलत है।

    नरेश उत्तम ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने चुनाव में अपनी आंख बंद की है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी बिना वीपी पेड के मशीन से चुनाव कराया गया। उत्तर प्रदेश में गूंगी सरकार है। 

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    भाजपा को करारी शिकस्त मिली है। भाजपा ने तो केवल 16 नगर निगमों में से 14 सीट पर जीत हासिल की है। नगर पालिका परिषद् और नगर पंचायत में उसे करारी हार मिली है। यहां भाजपा को 450 सीटों पर हार का भी मुंह देखना पड़ा है।

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    उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में भाजपा ने 16 में से 14 नगर निगमों पर कब्जा जमाया है। पार्टी के 596 सभासद जीतने में कामयाब रहे। वहीं नगर पालिका परिषद में 70 चेयरमैन बीजेपी के हैं तो 922 पार्षदों ने भी जीत दर्ज की है।

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    नगर पंचायत में 100 अध्यक्ष तो 664 सदस्य चुने गए हैं। समाजवादी पार्टी नगर निगम में एक भी सीट नहीं जीत सकी। पार्टी के 202 सभासद ही जीत सके. नगर पालिका परिषद में भी पार्टी दूसरे नंबर रही। 45 चेयरमैन और 477 पार्षद जीते। नगर पंचायत में 83 अध्यक्ष और 453 सदस्य निर्वाचित हुए हैं। 

    इसके पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को ही उनके पार्थिव शरीर का दर्शन किया था जबकि राज्यपाल राम नाईक ने कल पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। बौद्ध भिक्षु भदंत गलगेदर प्रज्ञानंद के शव का संस्कार कल ही श्रावस्ती में होना था।