कैशलेस इंडिया के तहत सरकारी सेवाओं के लिए डिजिटल पेमेंट जल्द होगी अनिवार्य
जल्द ही सरकार BHIM और भारत क्यूआर कोड जैसी पेमेंट सर्विसेस के जरिए रेलवे और सरकारी परिवहन निगम सर्विसेस का भुगतान अनिवार्य कर सकती है
नई दिल्ली (जेएनएन)। कैशलेस भारत अभियान के तहत जल्द ही रेलवे और सरकारी परिवहन निगम की बसों समेत अन्य सर्विसेस के लिए डिजिटल भुगतान किया जा सकेगा। इसे अनिवार्य करने के लिए सरकार कई तरीकों पर विचार कर रही है। इस बात की जानकारी वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने दी है। उन्होंने बताया कि BHIM और भारत क्यूआर कोड जैसी पेमेंट सर्विसेस के साथ ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के ज्यादा इंटीग्रेशन की योजना भी बनाई जा रही है। इस काम का जिम्मा इलेक्ट्रॉनिकी व आईटी मिनिस्ट्री को दिया गया है। यही नहीं, इस अभियान के तहत सरकार डिजिटल पेमेंट करने वाले ग्राहकों को इंसेंटिव भी देगी।
टिकट काउंटर्स पर होगी डिजिटल पेमेंट:
रेल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने अपने सभी टिकट और रिजर्वेशन काउंटर्स को डिजिटल पेमेंट लेने लायक बनाने का निर्णय किया है। नई गाइडलाइंस के तहत भारत क्यूआर कोड देश में सभी 14 लाख काउंटर्स पर दिखेगा। हम अपने टिकट काउंटरों पर आधे ट्रांजैक्शन्स को डिजिटल मोड में लाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।” आपको बता दें कि भारतीय रेलवे 52000 करोड़ रुपये के टिकट हर वर्ष बेचती है। इसमें ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल की हिस्सेदारी 60 फीसद है।
2 अक्टूबर को हो सकती है घोषणा:
माना जा रहा है कि जल्द ही रेल, पासपोर्ट ऑफिस, बस और मेट्रो टिकट काउंटर्स को भारत क्यूआर कोड के जरिए भुगतान लेने को कहा जा सकता है। यही नहीं, यूटीलिटी जैसे बिजली और पानी के बिल्स पर क्यूआर कोड प्रिंट भी किया जा सकता है। खबरों के मुताबिक, इस अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के दिन हो सकती है। अधिकारी ने बताया, “देश में कुल ट्रांजैक्शन्स का बहुत बड़ा हिस्सा सरकारी भुगतानों का होता है। अगर ये भुगतान डिजिटल तरीके से किए जाएं तो इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स की संख्या में बड़ा उछाल आएगा।”
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