पाक जाने वाले पानी पर लगेगी लगाम, लहलहाएंगे भारत के खेत, शाहपुर कंडी डैम का निर्माण शुरू
शाहपुर कंडी डैम का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इसके निर्माण से भारत के खेत लहलहाएंगे और पाक जाने वाले पानी का बहाव कम होगा।

जेएनएन, चंडीगढ़। Coronavirus Lockdown के कारण रोके गए शाहपुर कंडी डैम का निर्माण कार्य सरकार ने प्रमुख सचिव जल स्रोत ए वेणू प्रसाद की उपस्थिति में शुरू करवा दिया है। यह डैम पंजाब सरकार द्वारा 2700 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से रावी नदी पर बनाया जा रहा है। इस डैम के मुकम्मल होने से जहां पाकिस्तान की तरफ जाता पानी का बहाव कम हो जाएगा, वहीं इसका पंजाब तथा जम्मू और कश्मीर दोनों को फायदा होगा।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 15 अप्रैल को दिशा निर्देश जारी किए थे, जिसके बाद जिला प्रशासन पठानकोट को इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य फिर से शुरू करने की संभावना तलाशने के आदेश दिए गए थे। जिला प्रशासन ने तुरंत स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए तीन सदस्यीय समिति बना दी। इस टीम ने मंगलवार को मौके का जायजा लिया। इस दौरान उनको जानकारी मिली कि डैम वाली जगह पर ही शेडों में मजदूर ठहरे हुए हैं। टीम की सूचना के आधार पर जिला प्रशासन ने निर्माण शुरू करने के लिए हरी झंडी दी है।
रावी नदी पर बन रहे इस बांध को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बांध निर्माण से बिजली उत्पादन तो होगा ही इससे पंजाब की 5000 हेक्टेयर और जम्मू-कश्मीर की 32172 हेक्टेयर भूमि भी सिंचित होगी। यह बांध क्षेेेत्र में हरियाली लाएगा। इस बांध में रंजीत सागर बांध से बिजली बनाने के बाद छोड़ा गया पानी इकट्ठा किया जाएगा और फिर इससे बिजली उत्पादन किया जाएगा।
40 वर्ष पहले हुआ था समझौता
इस बांध की कल्पना 40 वर्ष पूर्व 1979 में में पंजाब सरकार ने जिला कठुआ के साथ लगती थीन सीमा पर रावी दरिया में रणजीत सागर झील को शामिल करने के बदले में जम्मू-कश्मीर को 1150 क्यूसिक पानी व प्रोजेक्ट में उत्पन्न होने वाली बिजली का बीस फीसद देने पर समझौता किया था। जिस भूमि पर रंजीत सागर बांध का निर्माण होना था, वहां की 65 प्रतिशत भूमि जम्मू-कश्मीर की थी। पंजाब ने इसके बदले में जम्मू-कश्मीर के लिए शाहपुर कंडी बैराज का निर्माण अपने से करने और 1150 क्यूसिक पानी देने के लिए लिखित समझौता किया था।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने इसके लिए जम्मू संभाग के एक बड़े सूखे कंडी क्षेत्र को तर करने के लिए रावी तवी इरीगेशन प्रोजेक्ट का निर्माण भी कर डाला। यही नहीं बसंतपुर कठुआ से लेकर विजयपुर तक 84 किलोमीटर लंबी नहर भी बना डाली। नहर का डिजाइन भी 1150 क्यूसिक पानी की क्षमता के अनुसार ही किया गया। लेकिन पंजाब ने वर्ष 2000 में रंजीत सागर बांध का निर्माण पूरा होने के बाद शाहपुर कंडी बैराज का निर्माण ठंडे बस्ते में डाल दिया। शाहपुर कंडी डैम प्रोजेक्ट भी जम्मू कश्मीर की 80 प्रतिशत भूमि पर हो रहा है। हालांकि बाद में इस बांध को लेकर दोनों सरकारों में समझौता हो गया और अब निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
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