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    पंजाब विधानसभा चुनाव: चर्चित 15 सीटों पर गिरा मतदान प्रतिशत

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Wed, 08 Feb 2017 09:53 AM (IST)

    पंजाब विधानसभा चुनाव में किसी न किसी कारण से चर्चा में रही 15 सीटों का मतदान प्रतिशत इस बार गिरा। बटाला और नकोदर में भी पिछले चुनाव के मुकाबले मतदान कम हुआ।

    पंजाब विधानसभा चुनाव: चर्चित 15 सीटों पर गिरा मतदान प्रतिशत

    चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। पंजाब विधानसभा चुनाव में राज्य की 15 सीटों की कहानी काफी रोचक रही। ये ऐसी सीटें हैं, जो किसी न किसी वजह से चर्चा में रहीं। कहीं पर नामचीन प्रत्याशी था, तो कहीं पर मुकाबला बड़ा रोचक था। गुरदासपुर सीट पर जहां मुकाबला चतुष्कोणीय था, तो नकोदर में एक ऐसा प्रत्याशी खड़ा था, जिसे कांग्रेस ने टिकट भुलत्थ से दी, लेकिन वह नकोदर से आजाद लड़ा।

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    वहीं, बटाला से आम आदमी पार्टी के कन्वीनर गुरप्रीत घुग्गी चुनाव लड़ रहे थे। महत्वपूर्ण बात यह हैं कि यह दोनों ही ऐसी सीटें हैं, जहां पर औसत ही नहीं बल्कि 2012 के मुकाबले मतदान भी कम हुआ। यह सीटें पूरे चुनाव के दौरान किसी न किसी कारण से चर्चा में रहीं। यह कारण है कि यहां के नतीजों पर भी लोगों व एक्सपट्र्स की खास नजर है।

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    गुरदासपुर

    पंजाब की एक मात्र ऐसी सीट थी, जहां पर अपना पंजाब पार्टी के सुच्चा सिंह छोटेपुर के चुनाव मैदान में आने से मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया था। कड़ा मुकाबला होने के बावजूद गुरदासपुर मतदान फीसद में तो पिछड़ गया, लेकिन मतदान में आगे निकल गया।
    2012 मतदान : 75.57 फीसद
    2017 मतदान : 75.32 फीसद
    मत बढ़े : 11,150

    बटाला
    कांग्रेस के अश्विनी सेखड़ी का उनके ही भाई ने विरोध किया। आप की तरफ से चुनाव मैदान में उतरे कन्वीनर व हास्य कलाकार गुरप्रीत घुग्गी। यहां मतदान फीसद भी कम रहा और मतदान भी।
    2012 मतदान : 74.15 फीसद
    2017 मतदान : 70.01 फीसद
    मत कम पड़े : 2,790
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    अमृतसर साउथ
    अकाली दल से कांग्रेस में शामिल हुए इंदरबीर बुलारिया। कांग्रेस के ही बागी मनिंदर पाल सिंह पलासोर चुनाव मैदान में डट गए। पार्टी ने उन्हें निकाल भी दिया। फिर भी डटे रहे।
    2012 मतदान : 63.62 फीसद
    2017 मतदान : 62.72 फीसद
    मत बढ़े : 1,887

    भुलत्थ
    केस के कारण बीबी जगीर कौर चुनाव नहीं लड़ सकी। उनके दामाद युवराज भूपेंदर सिंह चुनाव लड़े, मुकाबला था कांग्रेस छोड़ कर आप में शामिल हुए सुखपाल सिंह खैहरा से।
    2012 मतदान : 80.98 फीसद
    2017 मतदान : 74.95 फीसद
    मत बढ़े : 1,626

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    फिल्लौर
    कांग्रेस ने सांसद संतोख चौधरी की पत्नी करमजीत कौर को टिकट दी। बाद में मां की टिकट काट कर बेटे को दे दी। राहुल गांधी भी चुनाव प्रचार के लिए गए।
    2012 मतदान : 78.50 फीसद
    2017 मतदान : 75.75 फीसद
    मत बढ़े : 5,284

    नकोदर
    इस सीट से ऐसे प्रत्याशी खड़े हुए, जिन्हें कांग्रेस ने पहले भुलत्थ से टिकट दी। पूर्व विधायक गुरबिंदर अटवाल ने टिकट वापस करके नकोदर से चुनाव लड़ा। पंजाब विधानसभा में यह एक मात्र ऐसा केस थे। बाद में उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया।
    2012 मतदान : 81.85 फीसद
    2017 मतदान : 73.85 फीसद
    मत कम पड़े : 1,610

    जालंधर वेस्ट
    कांग्रेस के पूर्व सांसद, मंत्री व प्रदेश प्रधान मोहिंदर सिंह केपी की पारंपरिक सीट। मंत्री भगत चूनी लाल के बेटे मोहिंदर भगत को भाजपा ने मैदान में उतारा। जालंधर के पूर्व मेयर सुरेंदर महे कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़े। पार्टी से निष्कासित भी हुए।
    2012 मतदान : 68.76 फीसद
    2017 मतदान : 72.70 फीसद
    मत बढ़े : 16,433

    जालंधर नॉर्थ
    पंजाब का सबसे विवादास्पद सीट। पूर्व मंत्री अवतार हैनरी की वोट तक खत्म हो गई थी। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद वह वोट डाल सके। कांग्रेस ने इस सीट पर तीन बार प्रत्याशी बदला। अंतत: हैनरी के बेटे जूनियर हैनरी चुनाव मैदान में कांग्रेस की तरफ से उतरे।
    2012 मतदान : 75.29 फीसद
    2017 मतदान : 72.00 फीसद
    मत बढ़े : 17,770

    जालंधर कैंट
    यही वो सीट थी, जिसके ऊपर नवजोत सिंह सिद्धू की लंबी समय तक कांग्रेस में एंट्री लटकी रही। अंतत: सिद्धू की ही जीत हुई। कांग्रेस ने पद्मश्री परगट सिंह को कैंट से चुनाव मैदान में उतारा। परगट इसी सीट से विधायक थे।
    2012 मतदान : 70.76 फीसद
    2017 मतदान : 68.72 फीसद
    मत बढ़े : 11,583

    बंगा
    सबसे हाट सीट। दो बार के विजेता त्रिलोचन सिंह सूंढ को कांग्रेस ने टिकट नहीं दी। त्रिलोचन एक मात्र ऐसे विधायक थे, जिसकी टिकट कांग्रेस ने काटी। आजाद चुनाव मैदान में उतरे। पार्टी से निष्कासित भी हुए।
    2012 मतदान : 79.69 फीसद
    2017 मतदान : 76.85 फीसद
    मत बढ़े : 8,651

    चमकौर साहिब
    पंजाब की एक मात्र ऐसी सीट जहां पर दो सिटिंग विधायक चुनाव मैदान में थे। कांग्रेस विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी और पिछले बार बस्सीपठाना से जीते जस्टिस निर्मल सिंह।
    2012 मतदान : 80.36 फीसद
    2017 मतदान : 78.25 फीसद
    मत बढ़े : 12,764

    साहनेवाल
    पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल के दामाद की टिकट काट कर कांग्रेस ने पंजाबी गायिका सतविंदर कौर बिïट्टी को टिकट दी। यह उनका पहला चुनाव था।
    2012 मतदान : 79.13 फीसद
    2017 मतदान : 76.22 फीसद
    मत बढ़े : 29,297

    फाजिल्का
    राय सिख बिरादरी व अकाली सांसद शेर सिंह घुबाया के बेटे दविंदर घुबाया को कांग्रेस ने उतारा। विशुद्ध रूप से ङ्क्षहदू बेल्ट होने के कारण कांग्रेस को जवाब देना भी मुश्किल हो गया। मुकाबला भी था। भाजपा के विधायक सुरजीत कुमार ज्याणी से।
    2012 मतदान : 85.96 फीसद
    2017 मतदान : 86.71 फीसद
    मत बढ़े : 16,097

    गिद्दड़बाहा
    यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान व विधायक अमङ्क्षरदर सिंह राजा वडि़ंग फिर से चुनाव मैदान में थे। वडि़ंग को मजबूत करने के लिए कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे।
    2012 मतदान : 88.73 फीसद
    2017 मतदान : 88.79 फीसद
    मत बढ़े : 14,059

    सुनाम
    कांग्रेस ने एनएसयूआई की पूर्व प्रधान दामन थिंड बाजवा को चुनाव मैदान में उतारा। विरोध भी हुआ। कांग्रेस से बागी होकर राजिंदर दीपा भी चुनाव मैदान में डट गए। यह पंजाब की एक मात्र ऐसी सीट थी। जहां पर जीजा-साला एक साथ चुनाव मैदान में थे। दीपा का साला अमन अरोड़ा आप की टिकट पर चुनाव मैदान में डटे थे।
    2012 मतदान : 86.66 फीसद
    2017 मतदान : 84.39 फीसद
    मत बढ़े : 14,706

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