पंजाब इलेक्शन: मतदान होते ही नेता सोशल साइट्स से ‘गायब’ हुए
पंजाब विधानसभा के लिए मतदान संपन्न होते ही सोशल मीडिया में विभिन्न दलों का चुनावी शोर भी थम गया है। उम्मीदवार व समर्थक अब इस पर सक्रिय नहीं हैं।
जेएनएन, लुधियाना। पंजाब विधानसभा चुनाव का हल्ला थम गया है। प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। अब इंतजार चुनावी नतीजों का है। सब अपने- अपने कामों में मशरूफ हो गए हैं। मगर एक जगह ऐसी है, जहां आचार संहिता का पहरा चुनाव के बाद नजर आ रहा है। हम बात कर रहे हैं, सोशल नेटवर्किग साइट्स, यानी फेसबुक और ट्विटर की।
मतदान से पहले प्रत्याशी हों या समर्थक सभी यहां पर कब्जा जमाए थे। फेसबुक पर तो हर दूसरी पोस्ट चुनावी थी। किसी का प्रचार, किसी का चुनावी तंज। मगर मतदान के बाद अब यहां भी सब कुछ शांत हो चुका है। लग रहा है कि जैसे यहां अब आचार संहिता लग गई हो। प्रत्याशियों व उनके समर्थकों के फेसबुक पेज पर सन्नाटा है।
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चुनाव की घोषणा वाले दिन से लेकर शनिवार को चुनाव संपन्न होने तक अपनी हर चुनावी गतिविधि को फेसबुक व वाट्सएप पर पोस्ट कर पब्लिक के साथ कनेक्टिविटी रखने वाले कई उम्मीदवार व उनके समर्थक रविवार को सोशल साइट्स पर गायब दिखे। पिछले एक महीने से जैसे ही लोग फेसबुक, टवीट्ऱ खोलते थे तो उनके सामने स्क्रीन पर अपने ‘अपनों’ व ‘परिचितों’ की पोस्ट्स की जगह नेताओं द्वारा पोस्ट की गई चुनावी गतिविधि से संबंधित वीडियो अथवा संदेश मंडराने लगते थे।
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